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शहर की सड़कों पर दिखेगा टैंक टी-90 का जलवा, गणतंत्र दिवस की परेड में द‍िखेगी सेना की ताकत

बीएमपी सहित कई मारक हथियारों से दिखेगी सेना की ताकत।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 03:02 PM (IST)
शहर की सड़कों पर दिखेगा टैंक टी-90 का जलवा, गणतंत्र दिवस की परेड में द‍िखेगी सेना की ताकत
शहर की सड़कों पर दिखेगा टैंक टी-90 का जलवा, गणतंत्र दिवस की परेड में द‍िखेगी सेना की ताकत

लखनऊ, जेएनएन। विश्व के आधुनिक युद्धक टैंकों में शुमार टी-90 गणतंत्र दिवस पर शहर की सड़कों पर उतरेगा। राजपथ की तरह यह टैंक विधान भवन के सामने से गुजरते हुए अपनी मुख्य गन को झुकाकर सलामी देगा। यह टैंक सेना के उन हथियारों के काफिले का नेतृत्व करेगा, जो गणतंत्र दिवस परेड की शान होंगे। सेना की ओर से गणतंत्र दिवस परेड के लिए कई रेजीमेंट से हथियार मंगवाए गए हैं। इसमें तैरने वाली इंफेंट्री व्हीकल बीएमपी आकर्षण का केंद्र होगी। 

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सेना की मध्य कमान क्षेत्रों में तैनात आम्र्ड, गार्ड, इंजीनियर रेजीमेंट से हथियारों को लखनऊ मंगवाकर उनका रंगरोगन शुरू कर दिया गया है। सेना की माउंटेन डिविजनल सिग्नल रेजीमेंट, सीईडीयू का बम निरोधक दस्ता सहित 302 एलटी रेजीमेंट की 120 एमएम मोर्टार, 196 मीडियम रेजीमेंट की 122 एमएम ऑटोमेटिक फील्ड गन, ऑटोमेटिक ग्रेनेड लांचर और एंटी टैंक ग्रेनेड लांचर परेड को भव्यता देंगे।

खास है टी-90

यह तीसरी पीढ़ी का रूसी टैंक है, जो कि टी-72 का आधुनिक वर्जन है। आधुनिक टी-90 टैंक (भीष्म) की मेन गन 125 एमएम की है। रूस निर्मित इस टैंक में लेजर, एनबीसी प्रोटेक्शन, मिसाइल फायङ्क्षरग जैसी क्षमता होती है। यह टैंक 7.62 एमएम पीकेटी की गन से दो हजार और 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट गन से 300 राउंड फायङ्क्षरग कर सकता है। इस टैंक में क्रू सदस्यों की संख्या तीन होती है। यह एक बार ईंधन भरने के बाद 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 550 किलोमीटर तक दौड़ सकता है।

नदी पर पुल बनाता है पीएमएस ब्रिज

दुश्मनों तक पहुंचने के लिए नदियों और नालों पर से भी सेना टैंकों जैसे भारी भरकम हथियारों का रास्ता बनाती है। इसके लिए इंजीनियङ्क्षरग कोर के पास मौजूद पीएमएस ब्रिज की मदद ली जाती है। इस पीएमएस ब्रिज का एक सेक्शन 6.75 मीटर चौड़ी नदी या नाले पर अस्थायी पुल तैयार करता है। इससे अधिक दायरा बनाने के लिए अधिक सेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। पुल को स्थापित करने के लिए मोटर टग लांच की मदद ली जाती है। एक नाव के आकार वाला यह उपकरण पीएमएस के दो सेक्शनों को जोडऩे का काम करता है।

122 एमएम लाइट फील्ड गन

इस फील्ड गन में 122 एमएम कैलिबर की गन है, जो कि करीब 21.9 किलोमीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है। औसतन यह गन प्रति मिनट छह से सात राउंड फायर करती है। हालांकि, इसकी अधिकतम फायर क्षमता 10 से 12 राउंड प्रति मिनट है।

दूर तक मार करता 120 एमएम मोर्टार

फ्रांस का बना 1200 एमएम मोर्टार से 500 मीटर से 8950 मीटर तक मार की जा सकती है। यह दो राउंड से लेकर 10 राउंड प्रति मिनट फायर करता है।

तैर सकती है बीएमपी

यह रूस का निर्मित्त एक इंफेंट्री कंबैट वाहन है। टैंक की तरह दिखने वाली बीएमपी के भीतर जवान नाइट विजन डिवाइस के जरिए रात के समय भी अपने दुश्मनों को देखकर उनपर 30 एमएम कैनन वाली गन से हमला कर सकते हैं। इसके भीतर 7.62 एमएम की सेकेंड्री गन होती है जो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती है। बीएमपी की डिजाइन इस तरह है कि यह पानी के सतह पर तैरकर भी अपना रास्ता बना सकती है। यह एनबीसी हमलों में भी सुरक्षित है और युद्ध करने में सक्षम है। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 4000 मीटर तक लक्ष्य भेद सकती है, जबकि 30 एमएम कैनन गन भी दो से चार हजार मीटर तक मार करती है। यह 10 जवानों के साथ सड़क पर 65 किलोमीटर प्रति घंटा, कच्चे रास्ते पर 40 से 45 किलोमीटर प्रति घंटा की तेजी से दौड़ती है जबकि पानी में सात किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तैरती है।

जैमर लगा कमांड व्हीकल

सिग्नल रेजीमेंट का यह व्हीकल आधुनिक सेंसर प्रणाली से लैस होता है। यह व्हीकल जहां वीआइपी मूवमेंट और सेना के काफिले के बीच चलकर आसपास के इलाकों का सिग्नल बंद कर सकता है। वहीं, दुश्मनों की फ्रीक्वेंसी को भी पकड़ सकता है।

ऑटोमेटिक ग्रेनेड लांचर 

एजीएल की फायर‍िंग रेंज 2100 मीटर तक होगी है। इस ग्रेनेड लांचर की बेल्ट में 29 ग्रेनेड होते हैं। ऑटोमेटिक ग्रेनेड लांचर 400 मीटर प्रति मिनट की क्षमता से फायर कर सकता है।

बम निरोधक दस्ता 

सेना का बम निरोधक दस्ता भी परेड की शान बढ़ाएगा। परेड में यह दिखाया जाएगा कि बम निरोधक दस्ता किस तरह बड़ी घटनाओं के समय एक्शन में आते हैं।

एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल लांचर

दुश्मनों के युद्धक टैंकों को निशाना बनाने वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल लांचर भी परेड की शोभा बढ़ाएगा। यह लांचर वाहन और पैदल टुकड़ी बड़े युद्ध के समय इस्तेमाल करती हैं।

एकता का संदेश देगी झांकी

हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समाज के धर्म और विविध संस्कृतियों का आइना सिटी मांटेसरी स्कूल की झांकी में नजर आएगा। जन संपर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने बताया कि हर वर्ष की भांति वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर झांकी बनाने का कार्य चल रहा है। दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत की संस्कृति के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अक्स भी झांकी में नजर आएगा। सिटी मांटेसरी स्कूल की कानपुर रोड शाखा के पास निर्माण किया जा रहा है।

नागरिकता संशोधन कानून बताएगी झांकी

उप्र सिंधी अकादमी की ओर से गणतंत्र दिवस परेड पर सिंधी संस्कृति को दिखाती झांकी शामिल की जाएगी। अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी ने बताया कि सिंधी समाज भगवान झूलेलाल और संत कंवर राम की जीवनी को मॉडल के रूप में जीवंत रूप से दिखाने का प्रयास किया जाएगा। सिंधी समाज की फेरी (भक्ति) और त्याग को भी दिखाया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन कानून से हुए सिंधी समाज के फायदे को भी झांकियों के माध्यम से दिखाया जाएगा। मॉडल निर्माण की तैयारियां चल रही हैं।  


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