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खुदाई ने रखी फैसले की नींव, अयोध्या में उत्खनन टीम के डिप्टी टीम लीडर डॉ. सीबी मिश्रा ने साझा किए अनुभव

Ayodhya Ram Mandir Verdict 2019 एएसआइ के पूर्व अधीक्षण पुरातत्वविद और अयोध्या उत्खनन टीम के डिप्टी टीम लीडर डॉ. सीबी मिश्रा ने अयोध्या केस से संबंधित साझा किए अनुभव।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 03:58 PM (IST)
खुदाई ने रखी फैसले की नींव, अयोध्या में उत्खनन टीम के डिप्टी टीम लीडर डॉ. सीबी मिश्रा ने साझा किए अनुभव
खुदाई ने रखी फैसले की नींव, अयोध्या में उत्खनन टीम के डिप्टी टीम लीडर डॉ. सीबी मिश्रा ने साझा किए अनुभव

लखनऊ  [रूमा सिन्हा]। अयोध्या पर आए फैसले ने एक बार फिर वैज्ञानिक अध्ययनों पर मुहर लगा दी। देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले स्पष्ट कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट सबसे अहम है। एएसआइ के पूर्व अधीक्षण पुरातत्वविद व अयोध्या उत्खनन टीम के डिप्टी टीम लीडर डॉ. सीबी मिश्रा बताते हैं कि यह अध्ययन उनकी टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। हर रोज मुश्किलों से सामना होता था। तमाम तरह के आरोपों की सफाई देने के लिए कोर्ट में खड़ा होना पड़ता था। अच्छी बात यह थी कि कोर्ट ने बहुत सहयोग किया। डॉ. मिश्रा बताते हैं कि एएसआइ उत्खनन वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर किया जाता है। एक-एक लेयर का अध्ययन कर उसकी साइंटिफिक डेटिंग की जाती है। टीम को दो साल में अध्ययन पूरा करना था इसलिए दिन-रात काम किया और फाइडिंग के आधार पर रिपोर्ट दी। 

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वे कहते हैं कि दिक्कतें भी कम नहीं थीं। आरोप लगा कि मुस्लिम स्टाफ नहीं है इसलिए देश भर से मुस्लिम स्टाफ को ढूंढकर टीम में शामिल किया गया। यहां तक कि मुस्लिम मजदूर भी साथ लिए गए। पहले जियो रडार सर्वे कर स्ट्रक्चर की पहचान की गई। उसके बाद उत्खनन का काम शुरू किया गया। हर रोज किए गए कार्य की रिकॉर्डिंग कर उसे सील किया जाता था और उसे कोर्ट भेजा जाता था। कोर्ट ने पूरे काम में सहयोग देकर हमारा हौसला बनाए रखा। मिश्रा कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि फैसले से एएसआइ की विश्वसनीयता तो बढ़ी ही है। साथ ही, पुरातत्व विज्ञान का भी महत्व एक बार फिर साबित हुआ है। 

एएसआइ के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. इंदु प्रकाश कहते हैं कि हम जो पुरातात्विक उत्खनन करते हैं, वह पूरी तरह से वैज्ञानिक है। यही वजह है कि इसमें किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं रहती। कोर्ट ने भी इसीलिए इसे अपने फैसले का आधार बनाया।  


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