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Teachers Recruitment in UP: रायबरेली में 10 शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त, वसूली के आदेश

उक्त शिक्षक भर्ती के तहत छह सौ से अधिक महिला व पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। काउंसिलिंग के दौरान ही कुछ अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र के अंक ऑनलाइन आवेदन में फीड अंक से भिन्न मिले थे। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 12:19 PM (IST)
Teachers Recruitment in UP: रायबरेली में 10 शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त, वसूली के आदेश
रायबरेली में 69 हजार शिक्षक भर्ती में ऑनलाइन फीडिंग के दौरान गलत प्राप्तांक भरने पर कार्रवाई।

रायबरेली, जेएनएन। 69 हजार शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन के दौरान ऑनलाइन फीडिंग में गलत अंक भरना भारी पड़ गया। नियुक्ति मिलने के बाद मामला सामने आया तो विभागीय अफसरों के होश उड़ गए। प्रकरण तूल पकड़ने लगा तो ऐसे 10 नवनियुक्ति शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। बीएसए ने नियुक्ति निरस्त करते हुए वेतन मद में किए गए भुगतान की राशि वसूलने के आदेश दिए हैं।

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उक्त शिक्षक भर्ती के तहत छह सौ से अधिक महिला-पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। काउंसिलिंग के दौरान ही कुछ अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र के अंक ऑनलाइन आवेदन में फीड अंक से भिन्न मिले थे। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। इसके बावजूद चयनित अभ्यर्थियों को शैक्षणिक अंकपत्र में दर्ज अंकों के भारांक के अनुसार मेरिट में नाम आने के आधार पर नियुक्ति पत्र दे दिया गया। बाद में पांच मार्च को शासन से पत्र भेजा गया। इसमें ऐसे सभी नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए गए। विभागीय स्तर पर पड़ताल कराई गई। इसमें अलग-अलग ब्लॉकों में तैनात 10 शिक्षक मिले। बीएसए ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नियुक्ति को निरस्त कर दिया।

इन पर हुई कार्रवाई : बीएसए द्वारा अमावां, हरचंदपुर, खीरो, सतांव, महराजगंज और शिवगढ़ में तैनात 10 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। इनमें डलमऊ शिक्षा क्षेत्र में तैनात सहायक अध्यापक गायत्री, आशीष कुमार, हरचंदपुर की गीतांजलि, सतांव के अखिलेश कुमार, चंद्रशेखर द्विवेदी, महराजगंज के शशांक तिवारी, शिवगढ़ के रामदेव, अमावां के विपिन शर्मा, जनमेजय शुक्ल को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

कोषागार में जमा होगी धनराशि : शैक्षिणिक अभिलेखों के सत्यापन में देरी होने पर प्रदेश सरकार द्वारा शपथपत्र लेकर वेतन देने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में सभी शिक्षकों को वेतन मिल चुका था। अब नियुक्ति निरस्त हो गई है। ऐसे में वेतन राशि की वसूली के भी आदेश दे दिए गए हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी सीमा पांडेय ने बताया कि शासकीय धनराशि को नियमानुसार कोषागार में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

इनकी सुनें : ऑनलाइन फीडिंग के दौरान गलत अंक भरने वाले शिक्षकों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की गई है। मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को भेज दी गई। साथ ही सरकारी धनराशि की वसूली की प्रक्रिया चल रही है।    - आनंद प्रकाश शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी 


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