एंटी शॉक गारमेंट से घटा सकती है मातृ मृत्यु दर, बच सकती है लाखों महिलाओं की जान
ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी (एआइसीजोजी) कांग्रेस में विभिन्न देशों से आई स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक।
लखनऊ, जेएनएन। प्रसव उपरांत अत्यधिक रक्त स्राव मातृ मृत्यु का एक बड़ा कारण है। यदि रक्तस्राव को समय रहते काबू कर लिया जाए तो लाखों महिलाओं की जान बचाई जा सकती है। बस करना यह है कि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से लेकर एंबुलेंस में तक में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी (एआइसीजोजी) में बंगलुरु की डॉ.ज्योतिका देसाई ने ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी एनीमिया की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं आ रहा है। आज भी 80 फीसद गर्भवती एनीमिया से ग्रसित हैं। ऐसे में प्रसव उपरांत यदि अत्यधिक रक्त स्राव हो जाता है तो उनकी जान पर बन आती है। यही वजह है कि प्रसव उपरांत होने वाली अत्यधिक ब्लीडिंग मातृ मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि महिला का हीमोग्लोबिन पहले से ही कम होता है तो ब्लीडिंग से वह शॉक में चली जाती हैं। अक्सर इससे उबारना मुश्किल हो जाता है, लेकिन एंटी शॉक गारमेंट या लाइफ रैप इस पर काबू पाने का आसान उपाय है।
यह कपड़ा नियो प्रीन का बना होता है जिसकी कीमत करीब 6500 रुपये होती है। खास बात यह है कि इसे क्लोरीन से स्ट्रलाइज (विसंक्रमित) करने के बाद पुन: प्रयोग में लाया जा सकता है। शॉक में आई महिला को इससे लपेट दिया जाता है जिससे ब्लीडिंग कंट्रोल हो जाती है। डॉ. देसाई बताती हैं कि इस लाइफ रैप को प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से लेकर एंबुलेंस सभी जगह उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे जरूरत पडऩे पर मरीज को तत्काल राहत पहुंचाई जा सकती है।