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COVID-19 Situation in Lucknow: बीस मिनट से ज्यादा रोका तो हर मिनट का पैसा ले रहे एंबुलेंस चालक, प्रशासन के रेट जारी होने के बाद भी मनमानी

चालकों का तर्क है कि सरकार ने दूरी तय की है समय नहीं। जितनी देर में अपना समय देंगे उतनी देर में दूसरा मरीज पहुंचाकर रोजी रोटी कमा लेंगे। कुल मिलाकर निजी एंबुलेंस चालकों के स्वर बदल गए हैं। जबकि प्रशासन ने ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस का किराया 1500 तय कर दिया।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 02:01 PM (IST)
COVID-19 Situation in Lucknow: बीस मिनट से ज्यादा रोका तो हर मिनट का पैसा ले रहे एंबुलेंस चालक, प्रशासन के रेट जारी होने के बाद भी मनमानी
लखनऊ में कोविड मरीजों के लिए बीस मिनट से ज्यादा रोकने पर हर मिनट का पैसा ले रहे एंबुलेंस चालक।

लखनऊ, जेएनएन। एंबुलेंस चालकों के किराये नई सूची जारी होने के बाद भी बहुत ज्यादा सुधार नहीं है। निजी एंबुलेंस चालक पहले तो कही भी चलने से मना कर दे रहे हैं। अगर दबाव बनाएंगे तो रेट सरकारी बताएंगे लेकिन दस मिनट ही अस्पताल में देंगे, इस दौरान मरीज को एंबुलेंस से उतारना होगा। इसके बाद हर दस मिनट का सौ रुपये मांग रहे हैं। तर्क है कि सरकार ने दूरी तय की है समय नहीं। जितनी देर में आपको अपना समय देंगे उतनी देर में दूसरा मरीज पहुंचाकर रोजी रोटी कमा लेंगे। कुल मिलाकर निजी एंबुलेंस चालकों के स्वर बदल गए हैं। अब प्रशासन ने ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस का किराया सिर्फ 1500 तय कर दिया। 

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दैनिक जागरण संवाददाता ने लोहिया अस्पताल के सामने खड़े वाहन संख्या यूपी 30 एटी 3025 के चालक सुरेश से जब लोहिया से केजीएमयू चलने की बात कही तो उसने दो टूक कहा कि अब तो सरकार ने एंबुलेंस चालकों के रेट तय कर दिए हैं। उतना ही पैसा लेंगे, लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद मरीज को तुरंत उतारना होगा। दस मिनट में गाड़ी खाली चाहिए। नहीं तो उसका पैसा अलग लूंगा। क्योंकि सरकार ने समय तो निश्चित नहीं किया। इसी तरह यूपी 32 एफएन 3993 के चालक अमित ने कहा कि बाराबंकी मेयो करीब सोलह किमी है, नियमानुसार जो पैसा बनता है, उसे ही लेंगे लेकिन रास्ते में रुकेंगे नहीं और अस्पताल में पहले से स्ट्रेचर की व्यवस्था फोन पर कर लो। अगर वहां से दूसरे अस्पताल चलने के लिए कहेंगे तो वहां से सरकारी रेट नहीं मेरा रेट लागू होगा। चलना हो तो बताए, नहीं तो आगे अन्य साथियों से बात करे। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामने खड़े एंबुलेंस चालकों में एंबुलेंस रेट तय होने का भय तो है लेकिन अब ज्यादा पैसा लेने के लिए दबाव बना रहे हैं कि अस्पताल पहुंचते ही गाड़ी फिजूल में खड़ी नहीं होगी, उसका पैसा अलग से देना होगा वह भी हर दस मिनट का सौ रुपये, अगर गाड़ी तीस मिनट स्ट्रेचर व पचाZ बनवाने के लिए तीस मिनट खड़ी हो गई तो तीस सौ रुपये एंबुलेंस चालक को देना होगा।


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