संकट में कश्मीर गए अमरनाथ यात्री, टिकने वाले मंदिर में पथराव
कश्मीर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों में गुरिल्ला युद्ध से अमरनाथ यात्री जहां के तहां रोक दिए गए हैं। उनके शिविरों के निशाना बनाकर पथराव किया जा रहा है।
लखनऊ (जेएनएन )। कश्मीर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के मध्य गुरिल्ला युद्ध जैसा हो रहा है। इससे अमरनाथ यात्री जहां के तहां रोक दिए गए हैं। श्रीनगर में पंचमुखी हनुमान मंदिर में दो दिनों से टिके इटावा के करीब एक हजार यात्रियों को निशाना बनाकर पथराव किया जा रहा है। इसी तरह 72 घंटे से श्रीनगर के पंथा चौक के पास कैंप में फंसे अलीगढ़ के यात्रियों के सामने पानी का संकट गहरा गया है। दूषित पानी पीने से बीमारी का भी खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन भी उनकी खबर तक नहीं ले रहा। एक लंगर के सहारे ही उनका जीवन चल रहा है।
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इटावा के बर्फानी सेवा समिति के मंत्री बृजेश मिश्रा श्रीनगर में पंचमुखी हनुमान मंदिर में समिति की ओर से अमरनाथ यात्रियों के लिए भंडारा व अन्य सेवा कार्य कई सालों से करा रहे हैं। इस साल वह साथियों के साथ 22 जून को रवाना हो गए थे। दूरभाष पर उन्होंने बताया कि दो दिनों से मंदिर में टिके इटावा के करीब एक हजार यात्रियों की सुरक्षा बल के जवान कवच के रूप में सुरक्षा कर रहे हैं। लखना बकेवर के श्रद्धालुओं का जत्था मंदिर पर रुका हुआ है। पंचतरणी पर टिके श्री हजारी महादेव समिति ऊसराहार के राजकिशोर गुप्ता, गौरव गुप्ता, एसओ चौबिया जेपी यादव ने बताया कि हालात श्रीनगर, बालटाल तथा पहलगाम क्षेत्र में ज्यादा खतरनाक हैं। दो दिन पूर्व बालटाल व पहलगाम पार कर गए यात्रियों को बाबा के दर्शन कड़ी सुरक्षा के मध्य कराए जा रहे हैं। अन्य सभी यात्रियों को जहां का तहां रोक दिया गया है। अधिकतर यात्री शिविरों में टिके हुए हैं। सुरक्षाबल के जवानों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक यात्रा स्थगित करके फंसे हुए यात्रियों को जम्मू पहुंचाकर वापस कराया जाएगा। हालांकि इसकी अभी कोई प्रमाणिक घोषणा नहीं हुई है, इससे अमरनाथ यात्री खासे दहशतजदा हैं।
दूसरी ओर श्रीनगर में फंसे अलीगढ़ के 200 से अधिक अमरनाथ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार तक वहां से निकलने के भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। श्रीनगर के पंथा चौक के पास कैंप में 72 घंटे से फंसे यात्री पानी के लिए तरस गए हैं। कई लोग तो ऐसे हैं, जो तीन दिन से नहाए तक नहीं हैं। दूषित पानी पीना पड़ रहा है। कैंप में टैंकर से पानी की आपूर्ति में उपद्रवियों के विरोध के चलते बाधा आ रही है। श्रीनगर से सुरेंद्र शर्मा, पंकज शर्मा ने बताया कि पेयजल का तो संकट है ही, राशन भी ज्यादा नहीं बचा है। मालूम हो आतंकी संगठन हिजबुल के कमांडर बुरहान वानी के अनंतनाग में मारे जाने के बाद मातम के बहाने भड़की हिंसा का दंश अमरनाथ यात्री भी झेल रहे हैं। उपद्रवी यात्रियों के वाहनों पर पत्थर बरसा रहे हैं। इस कारण सुरक्षा बलों ने आवागमन बंद कर रखा है और अमरनाथ यात्रियों को जहां-तहां शिविरों में रोक दिया गया है।