अमीनाबाद में नोकझोंक के बीच पटरी दुकानदारों को जगह आवंटित, काफी देर चला हंगामा
पटरी दुकानदारों बोले सही आवंटन के लिए पहले खोले जाएं बाजार। नगर निगम प्रशासन ने कहा सीमा रेखा तय कर दी गई। काफी मशक्कत के बाद दुकानों के बाहर लोगों को खड़ाकर अलॉटमेंट कर उन्हें टोकन नंबर दिए गए। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ।
लखनऊ, जेएनएन। दुकानदारों और नगर निगम अफसरों के बीच नोंक-झोंक के बाद अमीनाबाद झंडे वाला पार्क स्थित प्रस्तावित वेंडिंग जोन में 438 पटरी दुकानों का अलॉटमेंट किया गया। दुकानों के बाहर लोगों को खड़ा कर उन्हें नंबर दिए गए। शेष दुकानों को दूसरे चरण में वेंडिंग जोन में शिफ्ट करने की बात कही गई। वहीं पटरी दुकानदारों का कहना था कि पहले बाजार खोला जाए उसके बाद अलॉटमेंट किया जाए। काफी देर तक चले विवाद के बाद किसी तरह दुकानों का आवंटन शुरू हुआ।
सुबह तकरीबन साढे़ सात बजे भारी पुलिस बल के बीच नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी, अमित कुमार, एसीपी पंकज कुमार श्रीवास्तव समेत कई अधिकारियों की मौजूदगी में अलॉटमेंट प्रक्रिया जैसे ही शुरू हुई अमीनाबाद पटरी दुकानदार वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मुनीश चौधरी और महामंत्री शैलू सोनकर ने इसे गलत प्रक्रिया बताते हुए विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि पहले बाजार खुले उसके बाद ही काम शुरू किया जाए जिससे सही आदमी को वेंडिंग जोन में जगह मिल सके। जब बाजार खुला होगा तो फर्जी लोगों को आवंटन नहीं हो पाएगा।
काफी देर तक चली नोंकझाेंक के बाद अधिकारियों ने सबसे पहले पुराना किताब बाजार में बनाए गए बाक्स में ठेले और गुमटियों को स्थापित कराना शुरू किया गया। लेकिन संख्या से अधिक दुकानदार वहां मौजूद मिले। काफी मशक्कत के बाद दुकानों के बाहर लोगों को खड़ाकर अलॉटमेंट कर उन्हें टोकन नंबर दिए गए। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ। कई महिला और दुकानदार आपस में भिड़ गए। बारिश के चलते काफी देर तक प्रक्रिया बाधित रही।
ठेलों के सामने खड़ा कर किया गया आवंटन
निगम प्रशासन ने एनाउसमेंट करते हुए पटरी दुकानदारों से कहा कि वे सब अपने ठेले, तख्त और दुकानों के समक्ष खड़े हो जाएं। तभी अलॉटमेंट हो सकेगा। इसे लेकर काफी देर तक नोंकझाेंक होती रही। काफी दबाव में अलॉटमेंट की प्रक्रिया पूरी कराई गई।
दुकान हटवाने पर भिड़ीं महिलाएं
न्यू शुक्ला बुक डिपो के सामने लगी एक पटरी दुकानदार ज्योति सोनकर की दुकान हटवाए जाने पर वह साथी दुकानदार रिंकू सोनकर से भिड़ गई। सात साल से लगातार लग रही दुकान को किसी भी हालत में हटाने के लिए तैयार नहीं हुई। बाद में उसी स्थान पर उसकी दुकान लगवाई गई। इसी तरह किताब बाजार में साफिया खातून भी पड़ोसी दुकानदार से भिड़ी रही। बाद में समझाकर अलॉटमेंट कराया गया।
गाढ़ा भंडार के सामने सिर्फ एक तरफ ही लगेंगी दुकानें
गाढ़ा भंडार के सामने की एक रो को नगर निगम प्रशासन ने गुरुवार को खाली करा लिया। अधिकारियों ने सड़क पार कर दूसरी ओर ही पटरी दुकानें लगाए जाने का अलॉटमेंट किया। इसे लेकर पटरी दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन ने बड़े व्यापारियों के इशारे पर इसे खाली कराया है। इससे गरीबों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट होगा।
दुकानों की संख्या पर एकमत नहीं दिखे पटरी दुकानदार
पटरी दुकानदारों ने कहा कि नगर निगम प्रशासन सिर्फ 738 दुकानों की बात कह रहा है। जबकि वेंडिंग जोन में 962 दुकानें लग रही हैं। ऐसे में आवंटन के बाद कई लोगों को दिक्कतें आएंगी।
एक महिला को मिले चल और स्थिर दो दुकानों के कार्ड
प्रक्रिया पर सवाल खडे़ करते हुए पटरी दुकानदार सोसायटी के अध्यक्ष ने अनीता नामक महिला को दिए गए दो कार्ड दिखाते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया मनमाने तरीके से की जा रही है। कार्ड दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इसे एक चल दुकान यानी घूम-घूमकर माल बेचने के लिए दी गई। इसी को एक दूसरा कार्ड अचल यानी स्थित दुकान के नाम पर दिया गया है। यही नहीं ज्यादातर जो अलाॅटमेंट किए गए हैं वह चल दुकानों के हैं। महकमा गुमराह कर रहा है। आपस में लड़वाए जाने की कोशिश है।
पटरी कारोबारी बोले
पचास साल से कारोबार कर रहे हैं। नगर निगम अब तक कोई नीति स्पष्ट नहीं कर पाया है। बिना बाजार खुले आवंटन सही तरीके से नहीं होगा। -सालीस
यह आवंटन मनमाने तरीके से नगर निगम ने किया है। एक रो खत्म कर दी गई है। ऐसे में यहां का दुकानदार कहां जाएगा। -लल्लू सोनकर
सभी लोग अचानक आ धमके हैं। कारोबार महीनों से बंद पड़ा है। बारिश के दौरान आवंटन शुरू कर दिया गया है। सब के साथ न्याय नहीं होगा। -राखी सोनकर
दुकान मिल गई है लेकिन कई पटरी दुकानदार अभी दुकानें ढूंढ रहे हैं। अचानक शुरू की गई इस आवंटन प्रक्रिया से दुकानदारों को नुकसान होगा। -मुन्नी सोनकर