दस दिनों तक तहसीलों में ही नजरबंद रहेंगे अफसर
तहसीलों से अफसरों के गायब रहने पर डीएम का आदेश। अफसरों को दस दिन का दिया समय। जितने भी मामले लंबित हैं उसे सही तरीके से निस्तारित करो। नहीं तो कार्रवाई होगी।
लखनऊ, जेएनएन। एसडीएम तहसील में मिलते नहीं हैं। तहसीलदार और नायब अक्सर कोर्ट-कचहरी के चक्कर ही लगाते रहते हैं। ऐसे में फरियादी लौट रहे हैं और शिकायतों का अंबार बढ़ता जा रहा है। जाहिर है तहसीलों के हालात से ब्यूरोक्रेसी के प्रति बढ़ रही नाराजगी का संदेश ऊपर भी जा रहा है। डीएम कौशल राज शर्मा ने समीक्षा बैठक में अफसरों का रिपोर्ट कार्ड देखा तो पारा चढ़ गया। डीएम ने तत्काल सभी अफसरों को अगले दस दिनों तक मुख्यालय में रुकने का आदेेश दिया है।
कलेेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक में डीएम ने अफसरों का रिपोर्ट कार्ड देखा तो पूंछा आप लोग तहसीलों में करते क्या हैं। डीएम ने एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार सहित तमाम अफसरों को बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोडऩे का आदेश दिया। डीएम ने कहा कि रोजाना सबकी हाजिरी चेक की जाएगी। अगर कोई भी बहानेबाजी करके गायब मिला तो सख्त एक्शन होगा। अधिकारी तहसीलों में बैठकर लोगों की शिकायतों का निस्तारण करेंगे। लोगों को क्या दिक्कतें हो रही हैं उनका मौके पर जाकर हल करेंगे। विकास योजनाओं और कार्यक्रमों का भौतिक सत्यापन कर प्रगति भी जानेंगे।
तीन मजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस
डीएम ने तीन मजिस्ट्रेट को राजस्व कार्यो में लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया। अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय के कोर्ट में 193, अपर नगर मजिस्ट्रेट छह के कोर्ट में 453 और नायब तहसीलदार मोहनलाल गंज के कोर्ट में 475 वाद लंबित मिले।
61 हजार लक्ष्य, 15 हजार ही आवेदन
प्रधानमंत्री जीवन च्योति बीमा योजना के तहत भी आवेदनों में 61990 के लक्ष्य के सापेक्ष प्रत्येक तहसील को 12000-12000 आवेदनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन अब तक सभी तहसीलो द्वारा कुल 15000 के ही आवेदन किये गए। जिसके लिए डीएम ने तीस दिनों के भीतर लक्ष्य पूरा करने को कहा।
एंटी भूमाफिया का रोस्टर तक नहीं बनाया
सीएम से लेकर डीएम तक के निर्देशों के बावजूद अधिकारियों ने अब तक कार्रवाई का रोस्टर तक नहीं बनाया। बैठक में डीएम ने अभियान चलाने के निर्देश दिए।
अफसर भूल गए धरनास्थल
डीएम ने सभी तहसीलों को एक-एक धरनास्थल चुनने को कहा था लेकिन सरोजनीनगर और मलिहाबाद को छोड़ कर किसी भी तहसील में धरना स्थल की जगह का चुनाव नही किया गया।