खनन के सभी परमिटों का अब स्थलीय सत्यापन होगा, अधिक खोदाई पर देनी होगी पांच गुना रॉयल्टी
लखनऊ प्रशासन ने सभी एसडीएम को दिए निर्देश। स्थलीय निरीक्षण में अगर कहीं पर अधिक खोदाई मिली तो 5 गुना रॉयल्टी सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। प्रमुख सचिव ने प्रशासन को खनन की जांच करने के निर्देश दिए।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी लखनऊ में अवैध खनन को लेकर आ रही तमाम शिकायतों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी परमिटों का स्थलीय सत्यापन कराने का आदेश जारी किया है। स्थलीय निरीक्षण में अगर कहीं पर अधिक खोदाई मिली तो 5 गुना रॉयल्टी सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। मोहनलालगंज में अवैध खनन की शिकायत सामने आने के बाद शासन स्तर पर नाराजगी जताई गई थी। प्रमुख सचिव ने प्रशासन को खनन की जांच करने के निर्देश दिए।
हालांकी, प्रारंभिक जांच में ही खनन का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। जिले में और भी कई तहसीलों में इसी तरह अवैध खनन होने की शिकायतें मिल रही हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक, जहां जहां पर भी खनन के लिए परमिट जारी किए गए हैं। उन सभी जगहों का स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा और अगर कहीं पर भी मानक से अधिक मिट्टी निकालने की बात सामने आती है तो नियमानुसार 5 गुनी रॉयल्टी वसूली जाएगी इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा अगर किसी राजस्व कर्मी या दूसरे कर्मचारी के खनन माफिया के साथ गठजोड़ की शिकायत सामने आई तो फिर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, आउटर रिंग रोड और किसान एक्सप्रेस-वे के निर्माण के चलते तमाम कंपनियों को खनन के परमिट जारी किए गए हैं कुछ लोग इसकी आड़ में अवैध खनन कर मिट्टी दूसरी जगह पर बेच रहे हैं। बख्शी तालाब में भी पिछले तहसील दिवस पर इस तरह की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। डीएम ने सभी एसडीएम को यह भी कहा है कि वह रात को भी इलाकों में निकले और अगर कहीं पर खनन होता मिले तो तत्काल कार्रवाई करें। दरअसल खनन माफिया स्थानीय अधिकारियों की शह पर रात को मिट्टी निकालकर बिल्डरों और दूसरी निर्माण कंपनियों को बेंचते है। इस काम मे मोटा पैसा मिलता है जो ऊपर से नीचे तक जाता है।