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एएसपी राजेश साहनी के अाश्रितों को यूपी के सभी आइपीएस और पीपीएस देंगे एक दिन का वेतन

एएसपी साहनी के परिवारीजन को एक करोड़ रुपये सहायता राशि दिलाए जाने, परिवार के एक सदस्य को ओएसडी की नौकरी, स्थायी आवास व परिवार को सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 03:05 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 03:07 PM (IST)
एएसपी राजेश साहनी के अाश्रितों को यूपी के सभी आइपीएस और पीपीएस देंगे एक दिन का वेतन

लखनऊ (जेएनएन)। पीपीएस एसोसिएशन ने डीजीपी ओपी सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर एएसपी राजेश साहनी के परिवार की सुरक्षा सहित अन्य प्रमुख मांगों को रखा।  एसोसिएशन ने इस बात को भी उठाया कि अवकाश पर होने के बाद भी एएसपी साहनी गत सोमवार व मंगलवार को आफिस ड्यूटी पर गए थे, लिहाजा

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उन्हें इन दोनों दिन ऑन ड्यूटी माना जाए। पीपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि डीजीपी को दिए गए ज्ञापन में एएसपी साहनी के परिवारीजन को एक करोड़ रुपये सहायता राशि दिलाए जाने, परिवार के एक सदस्य को ओएसडी की नौकरी दिलाए जाने, स्थायी आवास व परिवार को सुरक्षा दिए जाने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया है।

डीजीपी देंगे एक दिन का वेतन, अधीनस्थों से भी अपील

एएसपी राजेश साहनी के परिवार की मदद को प्रदेश पुलिस के प्रमुख ओपी सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी आगे बढ़कर आगे आए हैं। डीजीपी ने गुरुवार को ट्वीट कर एएसपी साहनी के परिवार को सहयोग राशि के रूप में अपने एक दिन का वेतन देने की बात कहते हुए अधीनस्थ राजपत्रित अधिकारियों से भी एक-एक दिन का वेतन देने की अपील की।

आइपीएस एसोसिएशन ने भी एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है। दूसरी ओर पीपीएस एसोसिएशन ने एएसपी साहनी के परिवार के सहयोग के लिए सभी एएसपी द्वारा पांच हजार रुपये व डिप्टी एसपी द्वारा तीन हजार रुपये एकत्र किए जाने का निर्णय लिया है। एटीएस ने भी एक माह का जोखिम भत्ता (करीब 15 लाख रुपये) साहनी के परिवार को देने का निर्णय लिया है।

 आज होगा शांतिपाठ

एएसपी राजेश साहनी की स्मृति में शुक्रवार शाम चार बजे शांतिपाठ का आयोजन पुलिस लाइन स्थित ट्रांजिट हास्टल में होगा। 

सीबीआइ जांच के इंतजार में पुलिस पड़ताल ठप
लखनऊ। एटीएस मुख्यालय में एएसपी राजेश साहनी की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की सिफारिश होने के साथ ही पुलिस पड़ताल लगभग थम गई है। 48 घंटे गुजरने के बाद भी पुलिस जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आ सका है, जिससे एएसपी की मौत का कारण स्पष्ट हो सके। वरिष्ठ अधिकारी भी पूरे मामले में कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। इस बीच शासन ने गुरुवार शाम केंद्र सरकार को पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच की संस्तुति भेज दी।
एएसपी साहनी की मौत मामले में अब तब लखनऊ पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया है। न ही एएसपी साहनी के परिवारीजन की ओर से पुलिस को कोई तहरीर दी गई है। ऐसे में सीबीआइ इस केस को अपने हाथ में लेने पर पहले पूरे प्रकरण की प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर अपनी पड़ताल करेगी। प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष के आधार पर सीबीआइ केस दर्ज कर आगे विवेचना करेगी। इन परिस्थितियों में अब एएसपी राजेश साहनी की मौत का सच सीबीआइ जांच में ही सामने आएगा।

क्योंकि बुधवार रात राज्य सरकार के प्रकरण की सीबीआइ जांच कराए जाने का निर्णय लेने के बाद पुलिस शांत बैठ गई है। सीबीआइ जांच शुरू होने से पहले वह अपनी अब तक की कार्रवाइ के दस्तावेज संभालने में जरूर जुट गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने सीबीआइ जांच की सिफारिश से पूर्व ही बुधवार सुबह एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी थी। बताया गया कि एएसपी राजेश साहनी की पत्नी सोनी, बेटी श्रेया सहित अन्य परिवारीजन गुरुवार को अस्थि विसर्जन के लिए संगम, इलहाबाद गए हैं। एडीजी परिवार के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि साहनी की पत्नी व बेटी के बयान दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया जा सके।


उल्लेखनीय है कि मंगलवार दोपहर एएसपी राजेश साहनी की एटीएस मुख्यालय में गोली लगने से मौत हो गई थी। पुलिस ने घटना को खुदकशी बताया था, लेकिन उनकी आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था। पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार रात सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया था।

इंस्पेक्टर ने फेसबुक पर इस्तीफा पोस्ट कर उठाए गंभीर सवाल, फिर बदला मन
एएसपी साहनी की मौत के मामले ने बुधवार रात तब अचानक नया मोड़ ले लिया, जब सोशल मीडिया पर एटीएस में तैनात निरीक्षक यतींद्र शर्मा ने साहनी की आत्महत्या से दुखी व पुलिस विभाग की कुव्यवस्था से व्यथित होकर अपना इस्तीफा देने की बात कही। फेसबुक पोस्ट के जरिये यतींद्र ने अपना त्यागपत्र डीजीपी को प्रेषित करने की बात भी कही। इसके बाद वाट्सएप पर वायरल हुए यतींद्र शर्मा के इस्तीफे में एटीएस मुख्यालय के अधिकारियों से लेकर आंतरिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए थे।

आइजी एटीएस असीम अरुण पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। इंस्पेक्टर यतींद्र गुरुवार दोपहर डीजीपी ओपी सिंह से मिलने डीजीपी मुख्यालय पहुंचे थे, लेकिन उनकी डीजीपी से मुलाकात नहीं हो सकी। बताया गया कि वह डीजीपी के सहायक संजय सिंघल से मिले और अपनी बात रखी। डीजीपी मुख्यालय से बाहर आने पर मीडिया के सवालों पर इंस्पेक्टर यतींद्र ने कहा कि वह अनुशासित पुलिसकर्मी हैं। इस्तीफे के सवाल पर यतींद्र ने कहा कि उन्होंने एसटीएफ में अपने तबादले का आवेदन किया था, जो लंबित है।

बाद में यतींद्र ने फेसबुक पर एक पोस्ट की, जिसमें कहा कि वह एएसपी साहनी की मौत से उन्हें अत्यंत आघात लगा था। चंूकि उनसे मेरा अत्यंत भावनात्मक लगाव था, जिससे दुखी होकर मैंने भावावेश में त्यागपत्र देने का फैसला लिया था। साहनी सर की कर्मठता व प्रेरणा को मानते हुए मैं पुन: अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता देकर अपना कर्तव्य निर्वहन करूंगा। दूसरी ओर डीजीपी ओपी सिंह ने इंस्पेक्टर यतींद्र का इस्तीफा मिलने की बात से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।


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