अब 'क्या और 'कब नहीं 'क्यों और 'कैसे' पर बनेंगे इंजीनियरिंग के Question Paper, देखिए कैसे होंगे सवाल Lucknow News
एआइसीटीई ने परीक्षा प्रणाली में किए बदलाव एकेटीयू में आयोजित हुई कार्यशाला। नई परीक्षा प्रणाली के आधार पर जारी किया मॉडल पेपर।
लखनऊ, जेएनएन। अब देशभर में इंजीनियरिंग छात्र परीक्षा में क्या और कब से जुड़े सवालों से रूबरू नहीं होंगे। उन्हें अब यादशात नहीं, बल्कि दिमाग के घोड़े दौड़ाने होंगे। अब क्यों और कैसे पर आधारित सवालों का जवाब देना होगा। यह जानकारी ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के सेक्रेटरी राजीव कुमार ने साझा की।
मंगलवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राजीव कुमार ने कहा क्यों और कैसे प्रश्नों की व्यवस्था समाप्त होगी। इसपर आधारित सवाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। अभी तक तकनीकि शिक्षा की परीक्षा प्रणाली के तहत प्रश्नपत्र तैयार करते समय परंपरागत शब्दों का अधिक इस्तेमाल किया जाता रहा है। अब इन शब्दों का प्रयोग नहीं होगा। एप्लीकेशन, एनालिटिकल और क्रिटिकल थिकिंग बेस्ड नॉलेज देने पर जोर दिया जाएगा। अब संस्थाओं को किसी सवाल को तैयार करते समय छात्रों के ज्ञान का आंकलन करना होगा। कार्यक्रम में एकेटीयू के वीसी प्रोफेसर विनय कुमार पाठक भी मौजूद थे।
राजीव कुमार ने बताया कि हमने करीब एक दर्जन कोर्सों के मॉडल क्वेश्चन पेपर तैयार किए है। इनमें से हर एक कोर्स के आठ से दस मॉडल पेपर अपलोड किए गए है। सभी कॉलेजों को इसी आधार पर पेपर तैयार करने को कहा गया है। अगर कोई संस्थान सुझाव या बदलाव करना चाहता है वह एआइसीटीई को इसके बारे में जानकारी दे सकता है। इसी मकसद से एकेटीयू में एग्जाम रिफॉर्म पर शिक्षकों को जानकारी देने के लिए दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है।
एनबीए से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य
एआइसीटीई ने देश में 2022 तक तकनीकि शिक्षा से जुड़े सभी शिक्षण संस्थाओं को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन एनबीए से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है। जिन संस्थाएं एनबीए एक्रिडेशन हासिल नहीं कर सकेंगी उनकी 50 प्रतिशत सीटें 2022 के बाद खत्म कर दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि एआइसीटीई सभी संस्थाओं को एनबीए एक्रिडेशन लेने में एआइसीटीई मदद देगा।
कुवैत ने रद कर दिया था 20 हजार इंजीनियरों का वीजा
एआइसीटीई के सेक्रेटरी ने कहा कि कुवैत सरकार ने 20 हजार इंजीनियरों का वर्किंग वीजा इसलिए समाप्त कर दिया था, क्योंकि उन्होंने एनबीए से एक्रिडेशन प्राप्त संस्थान से शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए एनबीए एक्रिडेशन जरूरी किया गया है।
3500 इंजीनियङ्क्षरग और टेक्निकल कॉलेज हैं देश में
17 फीसद कॉलेजों और संस्थाओं के पास ही एनबीए एक्रिडेशन हासिल है।