UP में कांग्रेस ने जिला समितियों को किया भंग, अजय कुमार लल्लू बने पूर्वी उप्र के प्रभारी
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सभी जिला समितियों को भंग कर दिया है। कांग्रेस विधायक अजय कुमार लल्लू को पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के फेरबदल का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
जेएनएन, लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में करारी हार और लंबी समीक्षा के बाद आखिरकार कांग्रेस में 'ऑपरेशन कायाकल्प' शुरू हो गया। पूर्वी और पश्चिमी उप्र प्रभारी की रिपोर्ट पर फैसला लेते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। अब पूर्वी क्षेत्र में नए सिरे से संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी नेता विधान मंडल दल अजय कुमार लल्लू को सौंपी है, जबकि पश्चिम पर फैसला बाद में होगा।
प्रदेश में कांग्रेस तीन दशक से वनवास काट रही है। 2017 के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन का दांव भी चला लेकिन, सफलता नहीं मिली। अब लोकसभा चुनाव में तो पार्टी का अस्तित्व ही संकट में आ गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक अमेठी की पारिवारिक सीट गंवा बैठे। इस हार ने कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया। लिहाजा, राहुल गांधी ने प्रदेश में हार के कारणों की रिपोर्ट पूर्वी उप्र प्रभारी प्रियंका वाड्रा और पश्चिम प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांगी। दोनों राष्ट्रीय महासचिवों ने कई दौर की समीक्षा बैठकों के बाद रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दी। रिपोर्ट में संगठन में सिरे से बदलाव के सुझाव थे, जिन्हें गंभीरता से लिया गया।
सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। अब हर जिले में संगठन को नए सिरे से खड़ा करना है। प्रियंका वाड्रा के प्रभार वाले पूर्वी क्षेत्र में यह जिम्मेदारी नेता विधान मंडल दल अजय कुमार लल्लू को सौंपी गई है। वहीं, पश्चिम के जिलों के लिए क्षेत्र के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया निर्णय लेंगे।
समिति तलाशेगी पार्टी के भितरघाती
संगठन की नए सिरे से संरचना के साथ ही कांग्रेस में 'छंटाई' की शुरुआत भी होगी। तीन सदस्यीय अनुशासन समिति लोकसभा चुनाव में पार्टी के साथ भितरघात और अनुशासनहीनता करने वालों को भी चिन्हित करेगी। समीक्षा के दौरान ऐसी शिकायतें लगभग सभी क्षेत्रों से आई थीं।
हर विधानसभा क्षेत्र में समिति संभालेगी उपचुनाव की कमान
इस बीच 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं। यह देखते हुए निर्णय लिया गया है कि इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में दो सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जो उपचुनाव की तैयारियों का जिम्मा संभालेगी।
बड़े फेरबदल के लिए कदम
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी नहीं बचा सके, उन्हें भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के हाथ करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि इस चुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री कराते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी। कांग्रेस सूबे में करारी मात के बाद बड़े फेरबदल के लिए कदम उठाया है।
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