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Glacier OutBurst: उत्तराखंड में ऋषिगंगा नदी पर बांध का हिस्सा टूटने के बाद UP में हाईअलर्ट, CM योगी आदित्यनाथ का DM-SSP को निर्देश

Alakhnanda Glacier Burstमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलाधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। गंगा नदी के किनारे वाले जिलों बिजनौर बदायूं के साथ ही हापुड़ फर्रुखाबाद कानपुर प्रयागराज व वाराणसी के जिलाधिकारियों से राहत आयुक्त ने सम्पर्क करने के साथ ही मुस्तैद रहने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 03:29 PM (IST)
Glacier OutBurst: उत्तराखंड में ऋषिगंगा नदी पर बांध का हिस्सा टूटने के बाद UP में हाईअलर्ट, CM योगी आदित्यनाथ का DM-SSP को निर्देश
ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के बांध का एक हिस्सा टूटने के बाद अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट के बांध का एक हिस्सा टूटने के बाद अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है। इसकी सूचना पर उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे पर बसे गांव तथा शहरों में हाईअलर्ट घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलाधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार को देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। चमोली के इस हादसे के बाद से उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार सम्पर्क में हैं। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपदा प्रबंधन की तैयारी करने के साथ ही इस हादसे की जानकारी आपस में साझा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा नदी के किनारे पडऩे वाले सभी जिलों के डीएम तथा एसपी को इस प्रकरण पर बेहद गंभीर रखने के साथ सतर्क रहने के भी निर्देश दिए हैं। प्रदेश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी को उच्चतम अलर्ट पर रहने के निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे स्थित जनपदों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए हैं।

बांध टूटने के बाद अलकनंदा नदी का जल प्रवाह अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। पानी के वेग को देखकर किसी भी अनहोनी की आशंका से सभी सतर्क हैं। पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर इस डैम पर गिरा। इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा है। अलकनंदा नदी का प्रवाह बढऩे से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश में भी गंगा नदी का पानी 12-15 घंटे में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

गंगा नदी के किनारे वाले जिलों बिजनौर, बदायूं के साथ ही हापुड़, फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज व वाराणसी के जिलाधिकारियों से राहत आयुक्त ने सम्पर्क करने के साथ ही मुस्तैद रहने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। चमोली की इस घटना के बाद उत्तराखंड के बीच ऋषिकेश व हरिद्वार सहित मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बिजनौर में सिंचाई विभाग ने बिजनौर  बैराज के सभी गेट फ्री कर दिए हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बलबीर सिंह चाहर ने बताया कि उत्तरांखड में पानी की रफ्तार को देखते हुए एहतियातन गेट फ्री किए गए हैं। चाहर ने ने बताया कि हरिद्वार से यहां पानी पहुंचने में 20 घंटे का समय लगेगा।

 बिजनौर में नजीबाबाद के पूर्वी गंगनहर निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता पीके शर्मा ने बताया कि गंगा में आने वाला पानी गंगनहर में नहीं छोड़ा जाएगा। पूर्वी गंगनहर हरिद्वार के अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि हरिद्वार में मिट्टीयुक्त पानी तेजी से पहुंचना शुरू हो गया है। इसके निदान में विभागीय टीमें लगी हुई हैं। हरिद्वार में बैराज के गेट खोले गए हैं। फिलहाल गंगा का पानी गंग नहरों में नहीं छोड़ा जाएगा। फिर भी आपात स्थिति को देखते हुए तैयारी की गई है। आवश्यकता पड़ने पर रवासन एस्केप से गंगा का रूट डायवर्ट किया जा सकेगा।

बुलंदशहर जिला प्रशासन ने गंगा के किनारे बसे गांवों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद बुलंदशहर प्रशासन अलर्ट पर है। डीएम ने गंगा क्षेत्र वाली तहसीलों के एसडीएम को दिए निर्देश। गांवों में निवर्तमान प्रधान मुनादी कराकर ग्रामीणों को कर रहे जागरूक किया है। यहां स्याना, डिबाई और अनूपशहर में होकर गंगा बहती है।


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