AKTU: एकेटीयू के छात्र एआईटी बैंकाक से कर सकेंगे एमटेक, संयुक्त पीएचडी कराने पर भी बनी सहमति; जल्द साइन होगा एमओयू
कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र और एआईटी बैंकाक के प्रो. नितिन त्रिपाठी के बीच हुई आनलाइन मीटिंग में कई विषयों पर बनी सहमति। दोनों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर अगले महीने होगा। संयुक्त पीएचडी कराने पर भी सहमति बनी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के विद्यार्थी अब एशियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी बैंकाक थाईलैंड से एमटेक की डिग्री ले सकेंगे। साथ ही संयुक्त पीएचडी भी कर सकेंगे। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच जल्द ही शैक्षणिक सहयोग, शोध, कौशल आदि पर एमओयू साइन किया जाएगा। इस कार्ययोजना के लिए एआईटी बैंकाक के डायरेक्टर स्पेशल डिग्री प्रोग्राम प्रो. नितिन त्रिपाठी और कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र के बीच आनलाइन बैठक हुई। बैठक में कई विषयों पर चर्चा हुई।
एकेटीयू से बीटेक तो एआइटी बैंकाक से एमटेक : दोनों संस्थानों के बीच सहमति बनी है कि डुअल डिग्री दी जाएगी। इसमें विद्यार्थी बीटेक एकेटीयू से करेगा जबकि दो साल के लिए एआइटी बैंकाक में रहकर एमटेक करेगा। इसी तरह दोनों संस्थानों के संयुक्त प्रयास से विद्यार्थी पीएचडी भी कर सकेंगे। इसमें एक सुपरवाइजर एआईटी बैंकाक में और एक एकेटीयू में रहेगा। दोनों संस्थानों में से कोई भी पीएचडी की डिग्री दे सकेगा।
करेंगे संयुक्त शोध : बैठक में दोनों संस्थानों के बीच सहमति बनी कि शोध के नए विषयों के लिए दोनों संस्थान एक दूसरे का सहयोग करेंगे। इसमें नैनो तकनीकी, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, जियो इन्फार्मेटिक्स और फूड एंड बायोप्रोसेसिंग तकनीकी जैसे विषयों पर शोध के लिए दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ एक दूसरे की मदद करेंगे।
ओडीओपी और ओटीओपी : जिस तरह से प्रदेश में ओडीओपी यानी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना है उसी तरह वहां वन टैंबोन वन प्रोडक्ट स्कीम चलती है। ऐसे में दोनों योजनाओं के सहयोग से कई उत्पादों को बाजार देने के साथ ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सकता है। जिससे उद्यमिता को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही स्थानीय उद्यमियों को भी लाभ होगा।
जल्द होगा एमओयू : जल्द ही दोनों संस्थानों के बीच इन विषयों को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा। कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि इसकी शुरूआत सेंटर फार एडवांस्ड स्टडीज और आइईटी लखनऊ से की जाएगी। इसके बाद आर्किटेक्चर, टाउन प्लानिंग व अन्य संस्थानों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस दौरान प्रस्तुतिकरण प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़, सेंटर फार एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक प्रो. एमके दत्ता और आइईटी की प्रो. सीता लक्ष्मी, और कैश के डा. अनुज शर्मा ने दिया। बैठक में आईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो. एसएन उपाध्याय भी जुड़े और उन्होंने अपना सुझाव और मार्गदर्शन दिया।