अखिलेश का बड़ा दांव, सपा में शामिल हुए BSP के कद्दावर नेता गुड्डू जमाली; कभी धर्मेंद्र यादव के लिए बने थे मुसीबत
Lok Sabha Election दो बार विधायक रहे बहुजन समाज पार्टी के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बुधवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल कराया। इस दौरान अखिलेश यादव ने पत्रकारों के साथ वार्ता भी की। कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा उन्हें एमएलसी बना सकती है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। दो बार विधायक रहे बहुजन समाज पार्टी के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बुधवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल कराया। इस दौरान अखिलेश यादव ने पत्रकारों के साथ वार्ता भी की।
कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा उन्हें एमएलसी बना सकती है। सपा में उनके आने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी।
2012 और 2017 विधासनभा चुनाव में दर्ज की थी जीत
बता दें अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से रिक्त हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में गुड्डू जमाली की वजह से ही सपा को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। गुड्डू जमाली काफी समय से सपा के संपर्क में थे। गुड्डू आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत थे।उन्होंने 2022 में हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा के टिकट पर 2.66 लाख से ज्यादा मत प्राप्त करे थे। इसके कारण ही सपा के धर्मेंद्र यादव चुनाव हार गए थे।
अखिलेश या धर्मेंद्र लड़ेंगे चुनाव
उम्मीद है कि इस बार आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश या फिर धर्मेंद्र फिर से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में गुड्डू जमाली के सपा में आ जाने से वहां पार्टी की राह आसान हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार 13 सीटों पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव में सपा गुड्डू को उम्मीदवार घोषित कर सकती है।पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले गुड्डू को विधान परिषद भेजकर अखिलेश पसमांदा मुस्लिम समाज को भी साध सकते हैं। इसके साथ ही मुस्लिम को एमएलसी बनाकर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की अपनी मुहिम को आगे बढ़ा सकते हैं। राज्यसभा में किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी न बनाए जाने से पार्टी में अंदरखाने नाराजगी भी चल रही है, जिसे सपा विधान परिषद चुनाव के जरिए दूर करेगी।
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