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नैक मूल्यांकन में सुस्त हैं लखनऊ के एडेड डिग्री कालेज, जानिए क्या है स्थिति

किसी भी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के लिए नैक का मूल्यांकन कराना अनिवार्य किया गया है। इससे यूजीसी की ओर से प्रोजेक्ट ग्रांट आदि मिलने में मदद मिलती है। कालेज को आटोनामस कराने के लिए भी नैक अनिवार्य है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Mon, 13 Jun 2022 10:57 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jun 2022 02:25 PM (IST)
नैक मूल्यांकन में सुस्त हैं लखनऊ के एडेड डिग्री कालेज, जानिए क्या है स्थिति
किसी भी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के लिए नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य किया गया है।

लखनऊ, [अखिल सक्सेना]। भले ही राजभवन ने शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए नैक मूल्यांकन अनिवार्य किया हो, लेकिन राजधानी के सहायता प्राप्त महाविद्यालय इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहे। यही वजह है कि पिछला मूल्यांकन कराए हुए काफी समय बीत गया। फिर भी दोबारा मूल्यांकन के लिए अब तक आवेदन ही नहीं कर रहे। तैयारियों के नाम पर कई महीनों से बैठक तक नहीं की गई है। ऐसे ही कुछ कालेजों में नैक मूल्यांकन की तैयारियों पर एक रिपोर्ट।

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श्री जय नारायण मिश्र पीजी कालेज (केकेसी) : शहर के बड़े कालेजों में शुमार इस कालेज में करीब 11 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। वर्ष 2015 में इसका नैक मूल्यांकन हुआ था। कालेज को ए ग्रेड भी मिला। इसकी वैद्यता पांच वर्ष की होती है जो 2019 में पूरी हो गई। करीब तीन साल गुजर गए। अब तक फिर से मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं किया गया। प्राचार्या डा. मीता साह कहती हैं कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। सिर्फ शिक्षकों की कमी है। सभागार भी नया बनना है। बीच में कोविड भी था। नैक का पैटर्न भी बदल गया। इसलिए अब नए सत्र से इसकी तैयारी शरू की जाएगी।

बप्पा श्री नारायण वोकेशनल पीजी कालेज (केकेवी) : केकेसी से पहले वर्ष 2013 में यहां पहली बार हुए नैक मूल्यांकन में बी ग्रेड मिला था। वर्ष 2018 में पांच साल पूरे भी हो गए। उसके बाद चार साल में नैक मूल्यांकन के लिए दोबारा आवेदन नहीं किया गया। प्राचार्य प्रो. बंशी धर द्विवेदी बताते हैं कि इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) का गठन पहले ही हो चुका है। 23 शिक्षकों का प्रमोशन होना है। मूल्यांकन से पहले अगस्त तक सभी कमियों को दूर करना है। इस साल के अंत तक आवेदन करने की तैयारी है।

डीएवी डिग्री कालेज : कालेज अगले साल अपनी स्थापना के 75वां वर्ष पूरा कर लेगा। लेकिन अब एक बार भी यहां नैक मूल्यांकन नहीं कराया गया। एक शिक्षक बताते हैं कि काफी समय पहले मूल्यांकन के लिए शुल्क जमा कर दिया था। लेकिन यूजीसी में कालेज का पंजीकरण डिग्री कालेज के नाम से है। जबकि कालेज पीजी लिखता है। इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया था। तब से नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया सुस्त पड़ गई। प्राचार्य प्रो. सुधांशु सिन्हा का कहना है कि अभी कालेज में ज्वाइन किए हुए कुछ महीने ही हुए हैं। आइक्यूएसी शिक्षकों के प्रमोशन में व्यस्त है। इसलिए अभी तैयारियों की समीक्षा के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

कालीचरण पीजी कालेज : वर्ष 2018 में नैक मूल्यांकन में सी ग्रेड पाने के बाद अब ए-ग्रेड के प्रयास के दावे किए जा रहे हैं। प्राचार्य प्रो. चंद्र मोहन उपाध्याय का कहना है कि मूल्यांकन के लिए हम दिसंबर 2023 या जनवरी 2024 में आवेदन करेंगे। तब तक मूल्यांकन के लिए सात पैरामीटर पर तैयारी चल रही है।

इसलिए जरूरी है नैक मूल्यांकन : किसी भी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के लिए नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य किया गया है। इससे यूजीसी की ओर से प्रोजेक्ट, ग्रांट आदि मिलने में मदद मिलती है। कालेज को आटोनामस कराने के लिए भी नैक अनिवार्य है। साथ ही कालेज के शैक्षिक स्तर का भी पता चलता है।


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