अपहर्ताओं से बच्ची को छुड़ाने वाली अागरा की नाजिया खान को वीरता पुरस्कार
हेल्मेट लगाए अपहरणकर्ताओं के बीच बैठी बच्ची के फ्राक को पकड़ कर उसने घसीटना शुरू कर दिया। मोटर साइकिल सवार बदमाश गिर तो गए। नाजिया ने जान पर खेलकर बच्ची को नहीं छोड़ा।
जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ । बच्ची के अपहरण की कोशिश को नाकाम कर अपराधियों के छक्के छुड़ाने वाली आगरा की नाजिया खान को इस वर्ष का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मिलने वाले पुरस्कार के लिए वह 16 जनवरी को अपने पिता कदीर के साथ दिल्ली जाएगी। देशभर से आए बहादुर बच्चों के साथ यूपी की इकलौती नाजिया को वीरता के भारत अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार पाने को लेकर नाजिया उत्साहित हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री से बात करने का मौका मिलेगा तो महिलाओं की सुरक्षा का इंतजाम करने की बात जरूर कहूंगी। सात अगस्त, 2015 को हुई अपहरण की घटना में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली नाजिया कहती हैं कि पीएम से नारी सुरक्षा को लेकर सशक्त कानून बनाने को लेकर अपनी बात करूंगी। नाजिया इस वर्ष पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की इकलौती छात्रा हैं।
ऐसे हुई थी घटना
नाजिया सात अगस्त, 2015 की घटना को याद करती हैं तो उसकी आंखें भर आती हैं। हर दिन की तरह स्कूल से वापस अर रही थी। दिन के करीब 12:30 बजे नौ साल की बच्ची को दो मोटर साइकिल सवार उठाकर बाइक पर बैठाने का प्रयास कर रहे थे। राहगीर मूकदर्शक बने हुए थे। बैग फेंक नाजिया मोटर साइकिल सवारों के पास पहुंच गई। हेल्मेट लगाए अपहरणकर्ताओं के बीच बैठी बच्ची के फ्राक को पकड़ कर उसने घसीटना शुरू कर दिया। मोटर साइकिल सवार बदमाश गिर तो गए। नाजिया ने जान पर खेलकर बच्ची को नहीं छोड़ा।
बदमाशों ने उसके ऊपर हमला भी किया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। इस बीच लोगों की भीड़ भी आ गई और मौका देख बदमाश भाग निकले। नाजिया ने बच्ची डिम्पी से पता पूछा और उसे उसके घरवालों के सिपुर्द कर दिया। घटना की आगरा ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उसे रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड से सम्मानित किया था। दिल्ली में उसे अभिनेता अक्षय कुमार ने भी बहादुरी के लिए सम्मानित किया था। बदमाशों को भी पकड़ लिया गया था।
समाजसेविका बनेगी नाजिया
नाजिया के पिता कदीर मजदूरी करते हैं। नाजिया समाजसेवी बनकर यतीमों और महिलाओं की मदद करना चाहती हैं। आगरा कॉलेज से स्नातक कर रहीं नाजिया का कहना है कि खाकी के खौफ को बढ़ाए बिना अपराध नहीं रुकेगा। ऐसे में सरकार को भी प्रयास करना चाहिए।
सूबे की बेटी ने विदेश में दिखाई बहादुरी
कानपुर की मूल निवासी अदिति मिश्रा वर्तमान में ओमान में परिवार के साथ रहती हैं। उप्र बाल कल्याण परिषद के पास ओमान में भारत के दूतावास के माध्यम से उसका नाम बहादुरी के लिए भेजने के लिए आया था। अदिति ने मल्टी स्टोरी में आग लगने पर अपनी सूझबूझ से दर्जनों विदेशियों की जान बचाई थी। इसके लिए उसे ओमान सरकार की ओर से भी पुरस्कृत किया गया था।
उप्र बाल कल्याण परिषद के मुख्य लेखाकार मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए उसका नाम भेजा गया था, लेकिन नहीं चुना गया। प्रदेश से आठ बाल बहादुर बच्चों गोलू, नितिका सपर्पण, ध्रुव व माधव लव का भी नाम भेजा गया था। नाजिया का नाम पुरस्कार के लिए आया है। पुरस्कार से वंचित बच्चों का हौसला बना रहे इसके लिए परिषद की ओर से उन्हें भी सम्मान दिलाया जाएगा।