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लोकसभा चुनाव में हार के बाद सपा के बाद अब TV डिबेट में नहीं दिखेंगे कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस ने फैसला किया है कि अगले एक महीने तक पार्टी टीवी चैनलों की डिबेट में अपने प्रवक्ता नहीं भेजेगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 11:46 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में हार के बाद सपा के बाद अब TV डिबेट में नहीं दिखेंगे कांग्रेस प्रवक्ता
लोकसभा चुनाव में हार के बाद सपा के बाद अब TV डिबेट में नहीं दिखेंगे कांग्रेस प्रवक्ता

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी हार के कारणों का अब पार्टियां मंथन करने में लगी हैं। उत्तर प्रदेश में गठबंधन के सहारे बड़ी जीत की योजना बनाने वाली समाजवादी पार्टी ने खराब प्रदर्शन के बाद सबसे पहले प्रवक्ताओं पर लगाम लगाई और अब उसी की राह पर कांग्रेस भी चल पड़ी हैं। कांग्रेस ने टीवी डिबेट पर किसी भी प्रवक्ता के जाने पर अंकुश लगा दिया है।

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कांग्रेस ने फैसला किया है कि अगले एक महीने तक पार्टी टीवी चैनलों की डिबेट में अपने प्रवक्ता नहीं भेजेगी। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ट्वीट किया- कांग्रेस ने फैसला किया है कि अगले एक महीने तक के लिए टीवी चैनल पर प्रवक्ता नहीं भेजे जाएंगे। देश के सभी मीडिया चैनलों/संपादकों से निवेदन हैं कि अपने शो में कांग्रेस के प्रवक्ता को न बुलाएं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में मथंन के बाद तय किया गया कि अभी हार हुई है, ऐसे में टीवी डिबेट में जाकर तुरंत नरेंद्र मोदी सरकार की खिलाफत करना जनता को पसंद नहीं आएगा। लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। बैठक में नेता चुनने के साथ ही किसी सांसद को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। बैठक संसद के केंद्रीय कक्ष में होगी और इसमें आगामी सत्र के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 52 सीटें हासिल हुई हैं जिस वजह से सदन में उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर नहीं मिलेगी।

कांग्रेस ने चुनावी हार पर चर्चा के लिए 31 मई को विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई है। विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर सकती हैं। संसद का सत्र छह जून से शुरू होने की संभावना है। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों में कथित विसंगतियों के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है।

समाजवादी पार्टी ने भी लिया एक्शन

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने भी अपने प्रवक्ताओं की सूची रद कर उन्हें समाचार चैनलों पर होने वाली बहस में जाने से रोक दिया था। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व को लेकर चल रहे संकट के चलते यह फैसला लिया गया है। 

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