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कोरोना संक्रमण बढ़ता देख यूपी सरकार ने बदला दफ्तरों में सौ फीसद उपस्थिति का फैसला, अब फिर 'Work From Home'

यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने आदेश जारी कर दिए हैं कि समूह ग और घ के पचास फीसद कार्मिक ही दफ्तर आएंगे बाकी वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:34 AM (IST)
कोरोना संक्रमण बढ़ता देख यूपी सरकार ने बदला दफ्तरों में सौ फीसद उपस्थिति का फैसला, अब फिर 'Work From Home'
कोरोना संक्रमण बढ़ता देख यूपी सरकार ने बदला दफ्तरों में सौ फीसद उपस्थिति का फैसला, अब फिर 'Work From Home'

लखनऊ, जेएनएन। लंबे लॉकडाउन के बाद हुए अनलॉक में बेपरवाह हुए आमजनों को अब सचेत हो जाना चाहिए। तेजी से बढ़ते संक्रमण को देख पाबंदियां और सावधानियां 'यू-टर्न' लेती दिख रही हैं। शुरुआत उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों से हो रही है। यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने आदेश जारी कर दिए हैं कि समूह ग और घ के पचास फीसद कार्मिक ही दफ्तर आएंगे, बाकी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। हालांकि, अधिकारी सभी आएंगे।

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कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही बेहद सावधानी बरतते हुए लॉकडाउन कर दिया गया था। तब सभी गतिविधियों को लॉकडाउन कर दिया गया था। फिर धीरे-धीरे जब संक्रमण पर नियंत्रण लगता दिखा तो शासन ने सावधानी से कदम बढ़ाते हुए पहले पचास फीसद, फिर शत प्रतिशत कार्मिकों की सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति की अनुमति दे दी थी। हालांकि, शारीरिक दूरी के पालन की सख्त हिदायत थी। फिर अनलॉक के साथ सावधानी कम हुई तो संक्रमण ने तेजी से पैर पसारने शुरू कर दिए। खतरे की इस आहट को महसूस करते हुए शासन ने इशारा कर दिया है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए संभवत: पहले जैसी पाबंदियां फिर लगाई जा सकती हैं।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से गुरुवार को इस सभी विभागों को शासनादेश जारी किया गया। इसमें प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव और विभागाध्यक्षों से कार्यालयों में शारीरिक दूरी का आकलन करने के लिए कहा गया है। कार्यालयों में समूह ग और घ के 50 फीसद कर्मचारियों तक को रोस्टर के आधार पर घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की अनुमति के बारे में विभागीय मंत्री से मंजूरी लेने के लिए कहा गया है। समूह क और ख के सभी अधिकारी दफ्तर में उपस्थित रहेंगे।

मुख्य सचिव आरके तिवारी के आदेश में कहा गया कि रोस्टर के मुताबिक घर से काम करने वाले कार्मिकों को इस अवधि में अपने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहना होगा। जरूरत पड़ने पर उन्हें दफ्तर बुलाया जा सकेगा। अधीनस्थ कार्यालयों, स्थानीय निकायों, निगमों आदि के लिए भी यह व्यवस्था लागू होगी। आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं से जुड़े तथा कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे कर्मचारियों पर यह दिशा निर्देश लागू नहीं होंगे। हर विभाग को घर से काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या कार्मिक विभाग को तय प्रारूप पर 14 जुलाई तक उपलब्ध करानी होगी। इससे पहले शासन ने बीती 31 मई को सरकारी दफ्तरों में कार्मिकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति का आदेश जारी किया था।

हर कार्यालय में हेल्प डेस्क के निर्देश : प्रत्येक कार्यालय में कोरोना हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। यह हेल्प डेस्क कोरोना से बचाव की आवश्यक जानकारी देगी। दफ्तरों में शारीरिक दूरी और मास्क के उपयोग का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। हर कार्यालय में आने वाले कार्मिकों की थर्मल स्कैनर से स्क्रीनिंग अवश्य की जाएगी तथा सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। कार्यालयों को विसंक्रमित भी कराया जाएगा, ताकि कोरोना वायरस न फैले। यदि किसी कार्यालय में कोरोना संक्रमण के मामले पाए जाते हैं तो उस दफ्तर को 24 घंटे में विसंक्रमित कराने का निर्देश दिया गया है, जिससे कार्यालय लंबे समय तक बंद न रहे और जनसामान्य को कोई असुविधा न हो।


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