नियम-कानून पर 'एसिड अटैक', लखनऊ में खुलेआम बिक रहा मौत का सामान Lucknow News
लखनऊ में कई दुकानों पर खुलेआम बिक रहा खतरनाक तेजाब। सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी बेअसर पुलिस भी मौन।
लखनऊ [शोभित मिश्र]। मडिय़ांव थाना क्षेत्र में किशोर को तेजाब पिलाने की घटना के बाद इसकी बिक्री को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। ये तीन मामले तो महज बानगीभर हैं। किसी भी शॉपिंग मॉल, जनरल स्टोर व परचून की दुकानों से बीस से 50 रुपये में खतरनाक तेजाब की बोतल आसानी से मिल जा रही है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन कराने की बात तो कह रहे हैं, लेकिन इसके लिए वह कितना फिक्रमंद हैं, इसका उदाहरण है खबर में लगी फोटो।
ज्वलनशील तेजाब मडिय़ांव, अलीगंज, कैसरबाग, लाटूश रोड, लालबाग, आलमबाग समेत राजधानी के अन्य इलाकों में भी खुलेआम मिल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसकी बिक्री को लेकर मानक तय किए हैं। नियम कानून का पालन न होने से लोगों पर तेजाब फेंकने की घटनाओं को आसानी से अंजाम दिया जा रहा है।
केस- 1
नरही पुलिस चौकी के पास एक जनरल स्टोर से 16 साल के नाबालिग को खतरनाक तेजाब से भरी 500 एमएल की बोतल 50 रुपये में ही मिल गई, दुकान के कर्मचारी ने स्वयं बताया कि ये तेजाब की बोतल अन्य से तीस रुपये महंगी इसलिए है क्योंकि अधिक ज्वलनशील है।
केस- 2
बीस रुपये में नाबालिग को हजरतगंज स्थित एक परचून की दुकान से तेजाब की बोतल मिल गई, टेस्ट करने पर उसकी अंगुली भी जल गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि नाबालिग को तेजाब नहीं मिलेगा।
केस- 3
डीजीपी आवास और पुराने कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर संवाददाता ने बीस रुपये में तेजाब की बोतल आसानी से हासिल कर ली।
ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- नाबालिग को तेजाब नहीं मिलेगा
- हर 15 दिन में बिक्री की रिपोर्ट एसडीएम को भेजनी होगी
- तेजाब खरीदार से आइडी लेकर पूरा ब्योरा रजिस्टर में लिखना होगा
- हर तीस दिन पर थाने पर ब्योरा भेजना होगा
- ग्राहक से पहचान पत्र की प्रति लेनी होगी
परचून की दुकान से ही खरीदा गया था तेजाब
मडिय़ांव में किशोर को जो तेजाब पिलाया गया था, वह तेजाब परचून की दुकान से ही खरीदा गया था। इंस्पेक्टर मडिय़ांव संतोष कुमार सिंह ने इस बात की पुष्टि भी की है।
घरों में इस्तेमाल होने वाला तेजाब भी खतरनाक
घरों में टॉयलेट व होटल की सफाई करने के लिए जो तेजाब परचून की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है। यह भी खतरनाक होता है। हालांकि यह बैट्री के तेजाब की तुलना में कम ज्वलनशील होता है।
बैट्री के तेजाब की भी हो रही खुलेआम बिक्री
मडिय़ांव, पुरनिया चौराहे समेत अन्य स्थानों के पास बैट्री में डालने का तेजाब आसानी से मिल रहा है। राजधानी में रजिस्टर्ड बैट्री की दुकानों के अपेक्षा अवैध दुकानों की संख्या अधिक है। इनसे दस से बीस रुपये में बोतल भर तेजाब आसानी से खरीदा जा सकता है।
बैट्री का तेजाब सबसे खतरनाक
जानकारों के मुताबिक, सल्फ्यूरिक एसिड युक्त तेजाब सबसे खतरनाक होता है। यह तेजाब शरीर को पूरी तरह से झुलसा देता है। बैट्री में इसी तेजाब को इस्तेमाल होता है।
कब-कब हुआ तेजाब से हमला
- 14 जून 2005 फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही एक युवती पर एसएसपी आवास के पास तेजाब फेंका गया
- सितबंर 2011-मोहनलालगंज स्थित बस स्टॉप पर एक महिला पर तेजाब फेंका गया
- 15 फरवरी 2011 को काकोरी में एक महिला पर तेजाब फेंका गया
- 17 जून 2012-आलमबाग में एक महिला पर तेजाब से हमला
- छह अगस्त 2013-न्यू हैदराबाद निवासी एक युवती पर तेजाब से हमला
- एक फरवरी 2014-शहीद पथ पर छात्रा पर एसिड से हमला
- 27 जून 2019-मडिय़ांव में किशोर को तेजाब पिलाया गया।