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सांप का नाम सुनते ही दौड़ पड़ते हैं आदित्य, जान‍िए क्‍यों lucknow news

सेवाभाव से खतरनाक सांपों को पकड़कर छोड़ते हैं जंगल में। अब तक 1200 से अधिक सांपों का कर चुके हैं रेस्क्यू।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 02:05 PM (IST)
सांप का नाम सुनते ही दौड़ पड़ते हैं आदित्य, जान‍िए क्‍यों lucknow news
सांप का नाम सुनते ही दौड़ पड़ते हैं आदित्य, जान‍िए क्‍यों lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। सांप देखते ही लोगों के चेहरे पर तनाव की लकीरें नजर आने लगती हैं। दिल तेजी से धड़कने लगता है और हर कोई किसी भी तरीके से सांप को मारकर खुद की जान बचाने की सोचता है। लेकिन, राजधानी में एक युवक ऐसा भी है, जिसने सांपों को बचाने की मुहिम छेड़ रखी है। भले ही काली अंधेरी रात में ही क्यों न सांप निकलने की सूचना मिली हो, लेकिन आशियाना निवासी आदित्य हिचकिचाते नहीं हैं और रेस्क्यू के लिए दौड़ पड़ते हैं।

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सूचना मिलते ही पहुंच जाते हैं
आदित्य खुद एक इवेंट कंपनी संचालित करते हैं और प्रोफेशनल फोटोग्राफर भी हैं, लेकिन सांपों से उन्हें बेहद लगाव है। आदित्य बताते हैं कि अब तक उन्होंने करीब 12 सौ से अधिक सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा है। जब भी कोई सांप निकलने की सूचना फोन पर देता है तो सारा काम छोड़कर रेस्क्यू करने पहुंच जाता हूं। 

नौवीं कक्षा में पकड़ा था पहला सांप
बकौल, आदित्य मैं नौवीं कक्षा में जब पढ़ता था तब घर में एक छोटा सांप निकल आया था। आसपास कोई नहीं था तो मैंने मोजे से उसे पकड़ लिया और बाहर छोड़ आया। इसकी जानकारी जब पिताजी को मिली तो बहुत डांट सुननी पड़ी थी। उस वक्त से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक जारी है।

वन विभाग भी लेता है मदद
वर्ष 2012 में पेड़ पर एक पाइथन निकल आया था। जानकारी पर वन विभाग की टीम वहां पहुंची थी, लेकिन कोई उसे काबू नहीं कर पा रहा था। वहां से गुजर रहे आदित्य ने तब पाइथन को काबू कर वन विभाग को सौंपा था। इस घटना के बाद से आदित्य वन विभाग के संपर्क में आ गए और अब वन विभाग की टीम भी अक्सर उनसे रेस्क्यू में सहयोग लेती है। आदित्य सोसाइटी ऑफ ह्यूमैनिटी एंड नेचर के नाम से एक संस्था भी चलाते हैं, जो इस तरह के रेस्क्यू में सहयोग करती है।

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