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UP में बच्चा चोरी के संदेह में मॉब लिंचिंग की 48 से अधिक घटनाएं, अब अफवाह फैलाई तो लगेगा रासुका

बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों व ऐसी घटनाओं में शामिल आरोपितों के खिलाफ अब रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 06:12 PM (IST)
UP में बच्चा चोरी के संदेह में मॉब लिंचिंग की 48 से अधिक घटनाएं, अब अफवाह फैलाई तो लगेगा रासुका

लखनऊ, जेएनएन। बच्चा चोरी करने के संदेह में बेकसूर लोगों पर भीड़ के हमले (मॉब लिंचिंग) की लगातार हो रही घटनाओं ने पुलिस की चुनौती बढ़ा दी है। एक अगस्त से अब तक प्रदेश में ऐसी 48 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें एक व्यक्ति को भीड़ ने पीटकर मौत के घाट उतार दिया। 29 से अधिक पीड़ित गंभीर रूप से घायल हुए। मेरठ में बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ की हिंसा की सबसे अधिक 19 घटनाएं हुई हैं।

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डीजीपी ओपी सिंह ने इस चुनौती से निपटने के लिए अस्पताल, बस अड्डा व स्टेशन के आसपास तथा संवेदनशीन स्थानों पर ग्रुप पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिये हैं। डीजीपी ने कहा कि इन घटनाओं में एक भी मामले में बच्चा चोरी करने की बात सामने नहीं आई है। बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों व ऐसी घटनाओं में शामिल आरोपितों के खिलाफ अब रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसी सभी मुकदमों में 7 सीएलए एक्ट के तहत भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाओं के अब तक 32 मुकदमें दर्ज हुए हैं, जिनमें संभल में हुई घटना में हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अन्य सभी केस में जानलेवा हमले की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने इन मामलों में अब तक 100 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। कई आरोपितों की तलाश व पहचान की कार्रवाई चल रही है। हत्या के मामले में 11 आरोपित पकड़े जा चुके हैं। डीजीपी ने कहा कि इन सभी मामलों में 15 दिनों में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किये जाने का निर्देश भी दिया गया है।

बच्चा चोरी के संदेह में लखनऊ में दो, गोरखपुर में दो, कानपुर में सात, मेरठ में 19, आगरा में 12, बरेली में चार घटनाएं हुई हैं। बुधवार को फतेहपुर में स्वास्थ्य टीम पर हमले व गाजियाबाद की पूजा कालोनी में महिला समेत दो के साथ मारपीट की घटनाओं ने पुलिस की कसरत और बढ़ा दी। फतेहपुर में तो हिंसा कर रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया।

सोशल मीडिया पर बढ़ाई सतर्कता
डीजीपी मुख्यालय ने सोशल मीडिया पर सतर्कता बढ़ाई है। आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिये अफवाहें फैलाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। डिजिटल वालेंटियर के जरिये लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

डीजीपी ने की अपील
डीजीपी ने सोशल मीडिया के जरिये लोगों से बच्चा चोरी की अफवाहें फैलाने वालों से सावधान रहने व भीड़ की हिंसा की घटनाओं में शामिल न होने की अपील की है।


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