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हाउस टैक्स वसूली न कर पाने पर लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों पर गिरी गाज, राजस्‍व निरीक्षक समेत कई पर हुई कार्रवाई

हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक के बाद नगर निगम कर विभाग से जुड़े निरीक्षकों पर काररवाई की गई। जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक (प्रथम श्रेणी) अमित यादव को निलंबित करने का प्रस्ताव निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा जाएगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 04:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 04:49 PM (IST)
हाउस टैक्स वसूली न कर पाने पर लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों पर गिरी गाज, राजस्‍व निरीक्षक समेत कई पर हुई कार्रवाई
नगर निगम लखनऊ ने हाउस टैक्‍स वसूली न कर पाने पर छह राजस्‍व कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई।

लखनऊ, जेएनएन। सोमवार रात पौने ग्यारह बजे तक चली हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक के बाद नगर निगम कर विभाग से जुड़े निरीक्षकों पर काररवाई की गई। जोन छह में तैनात राजस्व निरीक्षक (प्रथम श्रेणी) अमित यादव को निलंबित करने का प्रस्ताव निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा जाएगा। अमित को ढ़ाई करोड़ की वसूली करनी थी, लेकिन वसूली 14 लाख ही की गई।

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नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने हाउस टैक्स वसूली की समीक्षा बैठक में हर वार्ड के बारे में जानकारी की। बैठक में वार्डों में तैनात राजस्व निरीक्षक भी मौजूद थे।

पूर्व में चार्जशीट मिलने के बाद भी संतोषजनक वसूली न करने पर जोन पांच में तैनात राजस्व निरीक्षक (श्रेणी) दो अनूप यादव और जोन छह में तैनात अबरार अहमद के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। तीन दिन में चार्जशीट पर कार्रवाई होगी। इसमे इन निरीक्षकों को मूल वेतन पर भेजने, स्वैच्छिक सेवानिवृत्त करने और बर्खास्त जैसी काररवाई हो सकती है।

जोन सात में तैनात राजस्व निरीक्षक विवेक सिंह, जोन दो में तैनात राजस्व निरीक्षक हरिशंकर पांडेय और विशाल श्रीवास्तव समेत कई अन्य का वेतन रोका गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि हाउस टैक्स वसूली में लापरवाही करने वालों पर सख्त काररवाई होगी।

कमर्शियल भवनों पर मेहरबान हैं

नगर निगम में कर विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी कमर्शियल भवनों पर मेहरबान हैं। चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम समय कमर्शियल भवनों से 56 प्रतिशत वसूली पाई है।

वसूली का हाल

जोन एक : अनावासीय भवनों की कुल संख्या के सापेक्ष 49 प्रतिशत और कुल मांग 166.06 करोड़ के सापेक्ष 33.48 करोड़ वसूली की गई। वसूली बीस प्रतिशत।

जोन चार : कमर्शियल भवनों से 70.69 प्रतिशत वसूली पाई और डिमांड के सापेक्ष मात्र 43 प्रतिशत वसूली मिली।

जोन पांच : कम वसूली पर खेद भी जताया गया। कुल भवनों में से 63 प्रतिशत की वसूली पाई गई और डिमांड के सापेक्ष बीस प्रतिशत वसूली मिली। इतनी कम वसूली पर नगर आयुक्त ने खेद भी जताया।

जोन छह : सबसे खराब स्थिति जोन छह की पाई गई। यहां 31 प्रतिशत भवनों से ही वसूली की गई थी और डिमांड के सापेक्ष वसूली 14 प्रतिशत ही थी।

जोन सात : कुल 61 प्रतिशत वसूली पाई गई, जबकि डिमांड के सापेक्ष वसूली 28 प्रतिशत ही मिली।

राजस्व निरीक्षक को चार्जशीट

महानगर वार्ड में तैनात राजस्व निरीक्षक उमेंद्र कुमार ने मात्र 40 प्रतिशत ही वसूली की। नगर आयुक्त ने उमेंद्र कुमार को चार्जशीट देने और 25 मार्च तक वसूली ठीक न होने पर कर धीक्षक पर भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए। जोन आठ में तैनात राजस्व निरीक्षक पीयूष तिवारी, शिप्रा सिंह और इसरार की वसूली का प्रतिशत संतोषजनक नहीं पाया गया। लिपिकों राजस्व निरीक्षक के निलंबन की संस्तुति, कई का वेतन रोका गया। 


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