अयोध्या में दुष्कर्मी को 10 साल उम्रकैद, नौकरी दिलाने का झांसा देकर मासूम को था फंसाया
दुष्कर्मी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा। जुर्माने की आधी रकम पीडि़त को।
अयोध्या, जेएनएन। विशेष न्यायाधीश पाक्सो असद अहमद हाशमी ने दुष्कर्मी संजय पाठक को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना की आधी रकम पीडि़त लड़की को दी जाएगी। सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने अपराधी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
ये है पूरा मामला
मामला 2014 का है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश तिवारी के मुताबिक, संजय पाठक महराजगंज थाना क्षेत्र के सरोरा गांव का निवासी है। उसने बस्ती जिले की लड़की को नौकरी दिलाने के बहाने अपने जाल में फंसा लिया। लड़की को नगर कोतवाली क्षेत्र में देवकाली स्थित एक मकान में रखा गया। यहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। दुष्कर्म का वीडियो भी बना लिया गया और इसी बहाने उसे ब्लैकमेल भी किया जाता रहा। कई अन्य लोगों को बुला कर कई बार लड़की को शिकार बनाया गया। विरोध करने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर लीक करने की धमकी दी गई। हालत काफी बिगडऩे पर उसने 100 डायल की मदद ली। तब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
विकास भवन के कई अधिकारी व कर्मचारी दायरे में
इस मामले में कोर्ट की टिप्पणी व पीडि़त लड़की के मजिस्ट्रेटी बयान चौंकाने वाले हैं। पीडि़त ने साफ तौर पर कहा है कि उसके साथ दुष्कर्म करने वालों में विकास भवन के कई अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं। बयान के मुताबिक अभियुक्त इन लोगों को कमरे पर लाता था। इनके अलावा कई अन्य लोगों को पैसे के लिए उसे पेश किया जाता था। इस बात की जानकारी उसने 100 डायल पुलिस व विवेचक को भी दी थी। मजिस्ट्रेटी बयान में यह बात सामने आने के बावजूद विवेचक ने अन्य लोगों की तलाश करने की जरूरत नही समझी और एकमात्र संजय पाठक के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत भेज दिया।