Move to Jagran APP

Lakhimpur Nighasan Case: दुष्‍कर्म और हत्‍या के बाद आरोपितों ने मिटाए थे साक्ष्य, बढ़ाई गईं धाराएं

Lakhimpur Nighasan Case उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर ज‍िले के निघासन में दो सगी बहनों के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में आरोपितों पर दुष्कर्म की धारा 376 डी (ए) और बढ़ा दी गई है। इस धारा में अंतिम सांस तक सश्रम कारावास की सजा तक का प्रविधान है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 10:54 PM (IST)
Lakhimpur Nighasan Case: दुष्‍कर्म और हत्‍या के बाद आरोपितों ने मिटाए थे साक्ष्य, बढ़ाई गईं धाराएं
दुष्कर्म की धारा 376 डी के स्थान पर 376 डी (ए) में तरमीम किए जाने के आदेश।

लखीमपुर, जागरण संवाददाता। निघासन कांड में दो सगी बहनों के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में आरोपितों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। एसआइटी लगातार विवेचना में अपराध की कड़ियां जोड़ती जा रही हैं। शुक्रवार को विवेचक की अर्जी पर सभी छह आरोपितों पर एडीजे पाक्सो ने मुकदमे में धारा 201 व 34 आइपीसी की बढ़ोतरी किए जाने के आदेश दिए हैं।

loksabha election banner

निघासन कांड के चार आरोपितों पर दुष्कर्म की धारा 376 डी के स्थान पर 376 डी (ए) में तरमीम किए जाने के आदेश भी अदालत ने दिए हैं। घटना के सभी छह अभियुक्त जिला कारागार में निरुद्ध हैं। मामले में पीड़िता की मां की तहरीर पर छोटू गौतम व तीन अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। विवेचना में जुनेद, सुहेल व हफीजुर्रहमान को भी घटना में शामिल पाया गया।

इसके बाद घटना में शामिल छह आरोपित सुहेल, जुनेद, हफीजुर्रहमान, छोटू व छोटे व करीमुद्दीन को दुष्कर्म, हत्या व अनुसूचित जाति निवारण एक्ट के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मामले की विवेचना कर रहे एसआइटी के संजय नाथ तिवारी ने गुरुवार को सभी आरोपितों पर धारा 201 व 34 आइपीसी की बढ़ोतरी किए जाने की अर्जी दी थी। साथ ही चार आरोपितों सुहेल, जुनेद, हफीजुर्रहमान व छोटू के विरुद्ध 376 डी के स्थान पर 376 डी(ए) आइपीसी में तरमीम किए जाने की मांग की।

सभी आरोपितों को शुक्रवार को जेल से तलब कर पाक्सो कोर्ट में पेश किया गया। विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडेय ने धारा बढ़ोतरी व तरमीम किए जाने की अर्जी पर बहस की। एडीजे पाक्सो मोहन कुमार ने सभी आरोपितों के विरुद्ध धारा 201 व 34 आइपीसी की बढ़ोतरी करने व दुष्कर्म की धारा में तरमीम किए जाने के आदेश दिए।

क्या है दुष्कर्म की धारा 376 डी (ए)

वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी अवधेश सिंह ने बताया कि साल 2013 में निर्भया कांड के बाद हुए बदलाव के तहत दुष्कर्म की धारा 376 (डी (ए) उन मामलों में लगती है, जिनमें पीड़िता की उम्र 16 साल से कम होती है और उससे सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। निघासन कांड में भी एक पीड़िता की उम्र 16 से कम है और उससे दुष्कर्म हुआ है और उसकी हत्या भी की गई है इसलिए आरोपितों पर यह धारा बढ़ाई गई है। बताया जाता है कि इस धारा में अंतिम सांस तक सश्रम कारावास की सजा तक का प्रविधान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.