तन्वी सेठ के नाम से लखनऊ में बना था सादिया का आधार कार्ड
निकाह के बाद तन्वी सेठ ने अपना नाम बदलकर सादिया तो कर लिया लेकिन, उन्होंने आधार कार्ड पुराने नाम से ही बनवाया।
लखनऊ (जेएनएन)। हिंदू पत्नी तथा मुस्लिम पति के लखनऊ में बने दो पासपोर्ट की खबरें इन दिनों बेहद चर्चा में है। बिना वैरीफिकेशन हाथ में 24 घंटे में जारी तन्वी सेठ तथा उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट जारी करने के मामले में पासपोर्ट विभाग ने विदेश मंत्रालय इस प्रकरण की रिपोर्ट भेज दी है। इसके साथ ही अब तन्वी सेठ के आधार कार्ड की भी जांच हो सकती है।
निकाह के बाद तन्वी सेठ ने अपना नाम बदलकर सादिया तो कर लिया लेकिन, उन्होंने आधार कार्ड पुराने नाम से ही बनवाया। मूल रूप से गोंडा की रहने वाली तन्वी सेठ ने आधार कार्ड में अमीनाबाद स्थित ससुराल का पता दिया। विशेषज्ञों के अनुसार यह ठीक नहीं है। नियमानुसार धर्म या नाम परिवर्तन के बाद आधार कार्ड बनवाने पर वर्तमान नाम व पता दर्शाया जाना चाहिए। पासपोर्ट कार्यालय में जमा तन्वी के आधार कार्ड की इस बात पर भी आपत्ति है।
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) के राज्य निदेशक वीके दक्ष कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अपना नाम व धर्म बदल लेता है साथ ही उसका पता भी बदल जाता है तो उसे वर्तमान पते को दर्शाते हुए पहचान पत्र से जुड़े दस्तावेज देने होंगे। इसके बाद ही आधार कार्ड बन सकता है। पहचान पत्र के कई विकल्प होते हैं। एक व्यक्ति का आधार कार्ड एक ही बार बन सकता है।
रिपोर्ट भेजी गई विदेश मंत्रालय
विवादों में घिरे तन्वी सेठ के पासपोर्ट प्रकरण में राजधानी लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट विदेश मंत्रालय को भेज दी है। रिपोर्ट में तन्वी के दस्तावेजों का ब्योरा और धार्मिक टिप्पणी करने के आरोपों में घिरे वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र के नोटिस के जवाब की जानकारी दी गई है। इसके लिए कल अवकाश होने के बावजूद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय खोला गया। इसके साथ ही तन्वी सेठ के पासपोर्ट आवेदन के दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई।
पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को दस्तावेजों में तन्वी के आधार कार्ड की पड़ताल की। साथ ही निजी बैंक के पासबुक की डिटेल बनाकर उसकी रिपोर्ट तैयार की गई। विदेश मंत्रालय को सारी जानकारी से अवगत करा दिया गया है। अब वहां से अगली कार्रवाई तय होगी। रिपोर्ट में अधीक्षक विकास मिश्र के पासपोर्ट देने के संबंध में लगाई गई आपत्तियों का भी ब्योरा भेजा गया है।
आजीवन लग सकता है प्रतिबंध
पासपोर्ट मैनुअल के अनुसार यदि तन्वी सेठ के प्रकरण में पुलिस वेरिफिकेशन की रिपोर्ट उनके खिलाफ आई तो पासपोर्ट को सरेंडर करना पड़ेगा। जुर्माना देना होगा और पासपोर्ट विभाग उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा सकता है। चूंकि पासपोर्ट सेवा केंद्र में बुधवार को ही तन्वी की बायोमीट्रिक हो चुकी है, लिहाजा अब यदि वह दस्तावेज बदल भी दे तो भी फिंगर प्रिंट देते समय मामला पकड़ में आ जाएगा।
आवेदन में लगे हैं यह सब दस्तावेज
अधिकारियों के अनुसार तन्वी सेठ ने पासपोर्ट आवेदन के साथ जन्मतिथि प्रमाण के रूप में हाईस्कूल की मार्कशीट, पते के लिए आधार कार्ड और सरकारी बैंक की जगह निजी बैंक की संयुक्त खाता वाली पासबुक व निकाहनामा लगाया है।
ट्विटर अकाउंट किया बंद
इस पूरे प्रकरण के बाद आलोचना झेल रही तन्वी सेठ उर्फ सादिया ने अपना ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। देश भर से हजारों लोगों ने पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र के खिलाफ की गई गलत कार्रवाई पर अपनी सख्त टिप्पणी की है।
यह था मामला
तन्वी सेठ उर्फ सादिया पासपोर्ट आवेदन करने के लिए बुधवार को लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थीं। वहां काउंटर ए और बी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद काउंटर सी पर तैनात वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र ने निकाहनामा पर सादिया और दस्तावेजों में तन्वी नाम होने पर आपत्ति की थी। विकास ने नियमानुसार तन्वी सेठ को अपना सादिया नाम भी जोडऩे को कहा था। सादिया अपने इस नाम को जोडऩा नहीं चाहती थीं। इसको लेकर हुए विवाद में विकास मिश्र पर तन्वी ने धार्मिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। मामले को देखते हुए विदेश मंत्रालय के दबाव में अगले ही दिन गुरुवार सुबह 10 बजे तन्वी और उनके पति को बुलाकर एक घंटे के भीतर पासपोर्ट दे दिया गया। वहीं विकास मिश्र को नोटिस देकर उनका तबादला गोरखपुर कर दिया गया।
मेरी जान को खतरा: विकास मिश्र
पासपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र ने परिवार को जान का खतरा बताया है। विकास ने कहा है कि वह अपने परिवार को किसी परिचित के घर शिफ्ट करके गोरखपुर जाएंगे। इस पूरे प्रकरण में परिवार भी भयभीत है। विकास के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी 19 साल की है जो बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही है जबकि छोटी बेटी 14 साल की है जो लखनऊ के एक स्कूल की छात्रा है। विकास मिश्र ने बताया कि जब क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय सुरक्षा की जरूरत महसूस कर रहा है तो फिर मेरे परिवार को इसका खतरे का एहसास होना लाजिमी है। मेरे जाने के बाद पत्नी और एक बेटी ही लखनऊ में रह जाएगी। बीच पढ़ाई में उनको गोरखपुर नहीं ले जा सकता। मैने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है जिसका जवाब मैं दे चुका हूं। मैं अब भी कह सकता हूं कि नियम नहीं तोड़ सकता था।
कल गोरखपुर में चार्ज संभालेंगे विकास मिश्र
विकास मिश्र सोमवार को गोरखपुर पासपोर्ट कार्यालय में अपनी तैनाती लेंगे। उन्होंने शनिवार को गोमतीनगर रेल आरक्षण केंद्र से सुबह 10 बजे एसी क्लास का तत्काल का टिकट बनवाया। विकास ने गोरखपुर जाने से पहले आखिरी दिन परिवार के साथ बिताया। परिवार के साथ कानपुर गए।