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MahaShivratri 2020 : मनोज तिवारी ने लखनऊ में किया जलाभिषेक, अयोध्‍या, गोंडा और हरदोई में भी गूंजा बम बम भोले

MahaShivratri 2020 जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिरों में जुटी। चारों तरफ हर-हर महादेव बम-बम भोले की गूंज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 04:00 PM (IST)
MahaShivratri 2020 : मनोज तिवारी ने लखनऊ में किया जलाभिषेक, अयोध्‍या, गोंडा और हरदोई में भी गूंजा बम बम भोले
MahaShivratri 2020 : मनोज तिवारी ने लखनऊ में किया जलाभिषेक, अयोध्‍या, गोंडा और हरदोई में भी गूंजा बम बम भोले

लखनऊ, जेएनएन। MahaShivratri 2020 : महाशिवरात्रि का पर्व आज प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में भक्‍तों का ताता सुबह से ही लगा रहा। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार के बाद दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी लखनऊ पहुंचे। यहां के मनकामेश्वर मंदिर में बाबा भोलेनाथ का दर्शन किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि महादेव सबको सद्बुद्धि दे। जो राष्ट्र विरोधी हैं, उनको सद्बुद्धि मिले।' 

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इस दौरान चारों तरफ हर-हर महादेव बम-बम भोले की गूंज सुनाई दी। जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी। महिलाओं व पुरुषों ने कतार लगाकर भोलेनाथ का जल व दुग्धाभिषेक किया है। 

अयोध्या में भोले बाबा का अभिषेक करने उमड़े श्रद्धालु 

अयोध्या: महाशिवरात्रि पर अयोध्या के नागेश्वरनाथ मंदिर पर भोले बाबा का अभिषेक करने श्रद्धालु उमड़े। भोर से ही शिव भक्‍तों का सैलाब मंदिर के द्वार पहुंचा। बैरिकेडिंग के मदद से श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया गया। महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्‍तों ने भांग धतूरा बेल पत्र अर्पित किए। महिलाओं व पुरुषों ने कतार लगाकर भोलेनाथ का जल व दुग्धाभिषेक किया।

 

बता दें, महाशिवरात्रि उत्सव समिति संयोजक पार्षद राजेश गौड़ ने बैठक में कार्यकर्ताओं को बताया कि विगत 41 वर्षों की भांति इस साल शिवरात्रि पर जवाबी कीर्तन रात्रि नौ बजे से आरंभ होगा। 22 फरवरी को दोपहर दो बजे शोभायात्र निकलेगी, जो कमला नेहरू भवन से रिकाबगंज, नियावां, कैंट होते हुए गुप्तारघाट जाएगी।

महाभारत काल में हुई थी शिवलिंग की स्थापना

गोंडा :जिले के प्रमुख शिव मंदिरों में भोर से ही जलाभिषेक और दर्शन पूजन शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा भीड़ खरगूपुर स्थित पृथ्वीनाथ मंदिर पर है। यहां जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि यहां विशाल शिवलिंग की स्थापना महाभारत काल में भीम ने की थी। यह एशिया के बड़े शिवलिंगों में शुमार है। इसके अलावा शहर के दुखःहरणनाथ और वजीरगंज के बलेश्वरनाथ शिव मंदिर भी प्रमुख हैं। यहाँ भी दर्शन पूजन का सिलसिला जारी है। एएसपी महेंद्र कुमार ने बताया कि सुरक्षा के लिए थानों की फोर्स के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती है। 

श्रद्धालुओं ने अर्पित किए भांग धतूरा बेल पत्र 

बलरामपुर : ज‍िले के झारखंडी मंदिर, हरिहरगंज स्थित रेणुका नाथ मंदिर, उतरौला स्थित दुखहरण नाथ व पचपेड़वा के शिवगढ़ धाम सहित जिले भर के शिवालयों में महादेव के जयकारे गूंजते रहे। महादेव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं ने भांग धतूरा बेल पत्र अर्पित किए। 

हरदोई पूरी करेगी मनोकामना-विशेष पूजा, पीछे है ये इतिहास 

हरदोई : महाशिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है। वैसे तो पूरे जिले के सभी मंदिरों में पूजन हो रहा, लेकिन सुनासीरनाथ और सकाहा मंदिर में महाशिवरात्रि पर विशेष पूजन होता है। मल्लावां के तेजीपुर के मध्य स्थित पौराणिक शिवमंदिर बाबा सुनासीर नाथ में विशेष पूजन होता है। आचार्य मंगल प्रसाद बताते हैं कि मुगल संम्राट औरंगजेब ने मंदिर में स्थित शिवलिंग पर आरा चलवाया था। जिस पर मधु मक्खियों ने हमला बोल दिया था। तो मुगलों की सेना भाग गई थी। शिवलिंग पर आज भी आरा का निशान है। मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते हैं। जनपद के अलावा गैर जनपदों से भी भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। सकाहा स्थित संकटहरण मंदिर में भक्तों के संकट दूर होते हैं। पुजारी सूर्य कमल गोस्वामी बताते हैं जो भी सच्चे मन से आता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। मान्यता है कि निसंतान वाले लोग अगर सकाहा में विधिवत पूजन अर्चन करते हैं तो शिवजी उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं

जय लोधेश्वर से महादेवा गुंजायमान

बाराबंकी: जिले के लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु देर रात से ही पहुंचने लगे हैं। कांवड़ियों की लंबी कतारों में उनकी आस्था बयां हो रही है। इसके अलावा कुंतेश्वर महादेव, भगौली स्थित प्रसन्नेश्वर महादेव, सिद्धौर के सिद्धेश्वर महादेव, सूरतगंज क्षेत्र के वनखण्डेश्वर, हैदरगढ़ क्षेत्र के औसनेश्वर महादेव सहित सभी ग्रामीण अंचल के शिव मंदिरों पर श्रद्धालु जलाभिषेक कर रहे हैं। नगर क्षेत्र के नागेश्वर नाथ, चंद्रेश्वर, रमेश्वरनाथ महादेव सहित सभी शिव मंदिरों पर भोले भक्तों का आना जारी है। ग्रामीण क्षेत्र में अनुष्ठान भी कराए जा रहे हैं।

भक्‍तों का उमड़ा सैलाब, सीसी कैमरे से रखी जा रही नजर 

बहराइच: जिले के सभी मंदिरों में आस्था का सैलाब भोर से ही उमड़ा हुआ है। हर-हर महादेव के जयकारों के साथ शिव भक्त शिव मंदिरों में भोलेनाथ अभिषेक कर रहे हैं। शहर के पांडव कालीन श्री सिद्धनाथ मंदिर में भोर से ही भक्तों की लाइन लगी हुई है। यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सीसी कैमरे से नजर रखी जा रही है। रिसिया स्थित जंगली नाथ मंदिर में भी शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है। पयागपुर के बागेश्वर नाथ में भी शिव आराधना की गूंज है।

वहीं, सीतापुर के श्यामनाथ मंदिर में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक व दर्शन करने श्रद्धालु उमड़े। 

अमेठी के संग्रामपुर स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते भोले बाबा के भक्त।

 

बैरिकेडिंग, सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता

वहीं, मंदिरों के बाहर व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बैरिकेडिंग के जरिए श्रद्धालुओं को एक कतार में किया गया है। मंदिर के अंदर भी धक्‍का मुक्‍की न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम हैं। भारी संख्‍या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है। 

 

क्‍यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि ?

पौराणिक मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे। इस शिवलिंग के बारे में जानने के लिए सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण किया और उसके ऊपरी भाग तक जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली। वहीं, सृष्टि के पालनहार विष्‍णु ने भी वराह रूप धारण कर उस शिवलिंग का आधार ढूंढना शुरू किया लेकिन वो भी असफल रहे।


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