नम आंखों से जियारत करता अजादारों का उमड़ा हुजूम, पेश किया आंसुओं का पुरसा Lucknow News
इमामबाड़ा नाजिम साहब से निकला शब-ए-आशूर का जुलूस। अजादारों ने नम आंखों से जियारत कर पेश किया आंसुओं का पुरसा।
लखनऊ, जेएनएन। शब-ए-आशूर ढलती जा रही है, अली की लाडली घबरा रहीं है। जमीन चुप है फलक सहमा हुआ है, दिल-ए-जैनब परेशान हो रहा है, घटा जुल्मों सितम की छा रही है...। आगे-आगे हजरत अब्बास अलमदार का अलम मुबारक, तो पीछे-पीछे आंखों में आंसू भरे नम आंखों से जियारत करता अजादारों का हुजूम। नौ मुहर्रम सोमवार को अकीदत व एहतराम के साथ शब-ए-आशूर का जुलूस निकला गया। शहर की सभी मातमी अंजुमन सीनाजनी करती आगे बढ़ चली, तो नंगे पांव अजादार भी मातम करते साथ-साथ हो चले। सड़क के दोनों तरफ काले कपड़ों में इमाम के चाहने वाले अलम मुबारक की जियारत करते आगे बढ़ गए।
विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित इमामबाड़ा नाजिम साहब में मौलाना कल्बे जवाद ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने कहा कि शब-ए-आशूर की रात बड़ी कयामत की रात थी। इस रात में हजरत इमाम हुसैन अलेहिस्लाम को भरा पूरा परिवार सुरिक्षत था, लेकिन सुबह नमाज के बाद बारी-बारी चाहने वालों को अपनी जानें कुर्बान करनी थी। मौलाना ने शब-ए-आशूर बीतने के बाद सुबह जंग का मंजर बयां किया, तो अजादारों की सिसकियां बंध गई। मजलिस के बाद इमामबाड़ा परिसर से जुलूस निकलने का सिलसिला शुरू हुआ, तो बेकरार अजादारों के हाथ जियारत को उठ गए। शहर की करीब सवा सौ अंजुमन जुलूस के साथ सीनाजनी करती साथ-साथ आगे बढ़ी, तो अजादारों का हुजूम भी साथ हो चला। जुलूस में सबसे आगे सैकड़ों की संख्या में अजादार कमा व जंजीर का मातम कर अपने खून से शहजादी का पुरसा पेश कर रहे थे। जुलूस अपने निर्धारित मार्ग शिया पीजी कालेज, नक्खास तिराहा, गिरधारा सिंह इंटर कालेज, मंसूर नगर, शिया यतीम खाना होता हुआ देर रात दरगाह हजरत अब्बास पहुंचकर समाप्त हो गया। जुलूस में सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कड़े बंदोबस्त रहे।
सुन्नी समुदाय ने लगाई सबील
शहर के विभिन्न इलाकों मे सुन्नी समुदाय के लोगों ने भी जुलूस में शामिल लोगों के लिए सबील के स्टॉल लगाए। खीर, बिरयानी, सालन रोटी के साथ पकौड़ी, फिंगर चिप्स भी बांटी। सदर के लकड़ी मोहाल में मो. इमरान खान के बड़े स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी रही। इस स्टॉल पर मो. माज, कामरान खान, आरफा खान, आलिया खान, जायरा ने बिरयानी, जरदा, पकौड़ी, फिंग्रर चिप्स बांटा। इस दौरान मो. जीशान खान, रिजवान खान, फैजी, सौरभ, टिंकस आदि मौजूद रहें। इसके अलावा घरों पर नज्र भी कराई गई। वहीं पुराने लखनऊ के नक्खास, चौक, अमीनाबाद समेत कई जगहों पर सबील के स्टॉल लगाए गए।
आशूर का जुलूस मंगलवार को
दसवीं मुहर्रम मंगलवार को आशूर का जुलूस निकाला जाएगा। जो विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित इमामबाड़ा नाजिम साहब में सुबह नौ बजे मजलिस होगी। मजलिस के बाद जुलूस के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। जुलूस अपने निर्धारित मार्ग शिया पीजी कालेज, नक्खास तिराहा, टुडिय़ागंज, हैदरगंज, बुलाकी अड्डा होता हुआ कर्बला तालकटोरा पहुंचकर समाप्त हो जाएगा। साथ ही इमाम की शहादत के गम में डूबे अजादार दस मुहर्रम को भूखे-प्यासे रहकर शहजादी को आंसुओं का पुरसा पेश करेंगे। शाम चार बजे जगह-जगह फाका शिकनी का आयोजन होगा, तब अजादार अपना फाका खोलेंगे।
शाम-ए-गरीबा
मंगलवार रात पुराने शहर में कई जगह शाम-ए-गरीबा की मजलिस होगी। इमाम के अजादार अंधेरे में खाक पर बैठकर आंसुओं का नजराना पेश करेंगे। इमामबाड़ा गुफरानमआब में रात साढ़े आठ बजे मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद खिताब करेंगे।