Move to Jagran APP

प्रयागराज का अक्षय वट व लखनऊ का दशहरी आम अब विरासत वृक्ष, यूपी में 943 हेरिटेज ट्री पर अंतिम मुहर

Heritage Trees In UP प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण सुधीर गर्ग की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड की उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश के 943 विरासत वृक्षों पर अंतिम मुहर लगा दी है। अब जल्द इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 12:30 PM (IST)
प्रयागराज का अक्षय वट व लखनऊ का दशहरी आम अब विरासत वृक्ष, यूपी में 943 हेरिटेज ट्री पर अंतिम मुहर
उत्तर प्रदेश में 943 विरासत वृक्ष घोषित किए गए।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। प्रयागराज का अक्षय वट, लखनऊ के दशहरी और वाराणसी के लंगड़ा आम का मदर ट्री अब विरासत वृक्ष होंगे। उन्नाव के जानकी कुंड में लगा त्रेता युग का अक्षय वट और नैमिषारण्य सीतापुर में स्थित वट वृक्ष भी विरासत वृक्षों की सूची में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण सुधीर गर्ग की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड की उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश के 943 विरासत वृक्षों पर अंतिम मुहर लगा दी है। अब जल्द इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी।

loksabha election banner

दशहरी आम का मदर ट्री हरदोई रोड स्थित दशहरी गांव में लगा है। वाराणसी का लंगड़ा आम का मदर ट्री स्टेट बैंक की कचहरी शाखा परिसर में है। उत्तर प्रदेश में कुल 28 प्रजातियों के 943 वृक्ष विरासत की श्रेणी में रखे गए हैं। विरासत वृक्षों की एक कॉफी टेबल बुक भी तैयार हो रही है। इसके जरिए सरकार पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। सरकार सौ वर्ष से अधिक पुराने व ऐतिहासिक महत्व के दुर्लभ वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित कर रही है। इनमें ऐसे वृक्षों का चयन किया गया है जो पौराणिक घटनाओं, ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परंपराओं आदि से जुड़े हैं। ऐसे वृक्षों को शामिल किया गया है जिनकी सदियों से पूजा होती है।

उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड के सचिव पवन कुमार शर्मा ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति ने बोर्ड की तकनीकी समिति के विरासत वृक्षों के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। उन्होंने बताया कि मार्च अंत तक विरासत वृक्षों की कॉफी टेबल बुक भी तैयार हो जाएगी। इसमें विरासत वृक्षों के बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी मौजूद रहेगी।

वाराणसी का बोधि वृक्ष व फतेहपुर का इमली पेड़ भी शामिल : वाराणसी का बोधि वृक्ष भी विरासत वृक्षों की सूची में शामिल हो गया है। फतेहपुर का 52 इमली का पेड़ भी विरासत की श्रेणी में आ गया है। इस पेड़ में 1857 की क्रांति के दौरान 52 लोगों फांसी दी गई थी।

कहीं चढ़ती है घड़ी तो कहीं चटाई : विरासत वृक्षों में शामिल पेड़ों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। जौनपुर में मछली शहर रोड पर पीपल का पेड़ है जिसे ब्रह्म बाबा के नाम से जाना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यहां पहलवान बाबा रहते थे, जिन्हें घड़ियों का बहुत शौक था। उनकी मृत्यु के बाद से ही मन्नत पूरी होने पर यहां घड़ी चढ़ाई जाती है। प्रतापगढ़ में लगा करील के पेड़ की मान्यता है कि वनवास के समय भगवान राम, माता सीता व भाई लक्ष्मण जब चित्रकूट जा रहे थे तो इस स्थान पर रूके थे। यहां मन्नत पूरी होने पर घंटी बांधते हैं। प्रयागराज के दरगाह शरीफ में लगा पारिजात के वृक्ष में मान्यता पूरी होने पर 22 मीटर का सफेद रंग का साफा बांधा जाता है। प्रयागराज के ही राम शयन आश्रम में लगे शीशम के पेड़ पर चटाई चढ़ाने की मान्यता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान यहां एक दिन चटाई बिछाकर रात्रि विश्राम किया था।

वाराणसी में सर्वाधिक 99 वृक्ष : वाराणसी में सर्वाधिक 99 विरासत वृक्ष मिले हैं। इसके बाद दूसरा स्थान प्रयागराज का आता है। यहां भी 53 विरासत वृक्ष हैं। लखनऊ में 26 वृक्ष विरासत की श्रेणी में मिले हैं। वहीं, सहारनपुर में 10 प्रजातियों के 10 विरासत वृक्ष मिले हैं। यहां एक जिले में सर्वाधिक प्रजाति के विरासत वृक्ष पाए गए हैं। इनमें बरगद, पीपल, पाकड़, नीम, महोगनी, अर्जुन, साल, जामुन, महुआ व इमली के वृक्ष विरासत की श्रेणी में रखे गए हैं।

यूपी के प्रमुख जिलों में विरासत वृक्ष : झांसी में 30, गाजीपुर में 35, वाराणसी में 99, लखनऊ में 26, प्रयागराज में 53, सहारनपुर में 10, गोरखपुर में 19, महाराजगंज में 18, गौतमबुद्धनगर में 2, गाजियाबाद में 2, उन्नाव में 34, सीतापुर में 15, बरेली में 25, कानपुर में 9  विरासत वृक्ष हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.