सपा सरकार में पांच जिलों में डीएम रहीं बी. चंद्रकला, दो साल में 90 फीसद बढ़ी संपत्ति
आइएएस अधिकारी के रूप में अपनी संपत्ति न घोषित करने को लेकर भी वह चर्चा में रहीं। 2011 के बाद के दो वर्षों में उनकी संपत्ति 90 फीसद बढ़ गई थी।
लखनऊ, जेएनएन। आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला सपा सरकार में प्रदेश के पांच जिलों में डीएम रहीं। इस दौरान उनका सुर्खियों में रहने पर अधिक जोर रहा। आइएएस अधिकारी के रूप में अपनी संपत्ति न घोषित करने को लेकर भी वह चर्चा में रहीं। 2011 के बाद के दो वर्षों में ही उनकी संपत्ति 90 फीसद बढ़ गई थी। 2008 बैच की आइएएस अधिकारी चंद्रकला अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में डिफॉल्टर साबित हुई थीं।
सिविल सेवा अधिकारियों को 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड पेश करना था लेकिन एक साल बाद भी उन्होंने यह ब्योरा नहीं किया था। 2011-12 में उन्होंने अपनी संपत्ति दस लाख रुपये दर्शाई थी। 2013-14 में यह संपत्ति बढ़कर करीब एक करोड़ रुपये यानी 90 फीसद बढ़ गई थी। उन्होंने अपनी जो संपत्ति प्रदर्शित की थी, उसमें आंध्र प्रदेश और लखनऊ में फ्लैट भी थे। लखनऊ के फ्लैट के बारे उन्होंने दावा किया था कि यह फ्लैट उनके सास-ससुर ने उन्हें गिफ्ट किया था। आंध्र के अपने फ्लैट से उन्होंने सालाना डेढ़ लाख की कमाई का दावा किया था।
यही नहीं बुलंदशहर में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने सेल्फी लेने पर एक युवक को जेल भेज दिया था। इस मामले को लेकर भी वह खूब चर्चा में रहीं। बाद में युवक के माफी मांगने पर उसे रिहा किया गया था। बी. चंद्रकला पहले से सीबीआई के निशाने पर थीं। 2017 में सीबीआई ने उनसे पूछताछ तब की थी जब तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन डॉ. गुरुदीप सिंह सीबीआइ के शिकंजे में आए थे। उनसे इनपुट के आधार पर ही सीबीआइ ने पांच जिलों में तैनात रहे तत्कालीन जिलाधिकारियों से पूछताछ करने का निर्णय किया था। सपा सरकार के जाने के बाद भाजपा सरकार ने जब खनन पट्टों की जांच कराने का फैसला किया तो चंद्रकला ने केंद्र में ज्वाइनिंग कर ली थी। बाद में केंद्र सरकार ने उन्हें राज्य सरकार की सेवा में वापस कर दिया। उत्तर प्रदेश आने के बाद उन्हें विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग में तैनाती मिली। इसके बाद उन्होंने स्टडी लीव ले लिया।
सपा सरकार में पांच जिलों की डीएम रहीं चंद्रकला
बी चंद्रकला पर सपा सरकार किस हद तक मेहरबान थी, इसका अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 2012 से 1017 के बीच उन्हें पांच जिलों के डीएम का चार्ज मिला। सपा के सत्ता में आने के बाद 13 अप्रैल 2012 को उन्हें हमीरपुर का डीएम बनाया गया था। बाद में वह मथुरा, बुलंदशहर, बिजनौर, मेरठ में भी जिलाधिकारी रहीं। 28 मार्च 2017 को भाजपा के सत्ता में आने के बाद उन्हें मेरठ से हटाया गया था।