Move to Jagran APP

यूपी में बढ़ रहा बाढ़ का कहर : 15 जिलों के 820 गांव प्रभावित, गोंडा व आजमगढ़ के तटबंधों में कटान

नेपाल से 4.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गोंडा की तरबगंज तहसील के भिखारीपुर सकरौर तटबंध में कटान की सूचना मिलने पर मरम्मत कार्य किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:33 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:33 PM (IST)
यूपी में बढ़ रहा बाढ़ का कहर : 15 जिलों के 820 गांव प्रभावित, गोंडा व आजमगढ़ के तटबंधों में कटान
यूपी में बढ़ रहा बाढ़ का कहर : 15 जिलों के 820 गांव प्रभावित, गोंडा व आजमगढ़ के तटबंधों में कटान

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। सूबे के 15 जिलों के 820 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। नेपाल की ओर से 4.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से गोंडा की तरबगंज तहसील के भिखारीपुर सकरौर तटबंध में कटान की सूचना मिलने पर मरम्मत कार्य किया जा रहा है। वहीं आजमगढ़ की सगड़ी तहसील के टेकनपुर गांव में घाघरा की सहायक नदी छोटी सरजू के तटबंध में करीब 20 मीटर कटान हुई है। इससे दो गांव टेकनपुर और सहसपुरा की आबादी तथा 12 गावों की फसल प्रभावित हुई है।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश में शारदा नदी लखीमपुर खीरी के पलिया कला, राप्ती नदी गोरखपुर के बर्डघाट व श्रावस्ती के राप्ती बैराज, सरयू (घाघरा) बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज व अयोध्या और तुर्तीपार, बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने सोमवार को बताया कि आजमगढ़ में कटान से प्रभावित आबाद गांवों में पर्याप्त नावें लगा दी गई हैं और आश्रय स्थल भी तैयार कर लिए गए हैं। तटबंध की मरम्मत का काम जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में चल रहा है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 110 बाढ़ शरणालय और 653 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत व बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 16 टीमें तैनात करने के साथ 1129 नावें भी लगाई गई हैं।

भिखारीपुर-सकरौरा तटबंध कटान की भेंट : प्रदेश में घाघरा, शारदा, सरयू और राप्ती नदियों का जल स्तर कम होने के साथ ही कटान तेज हो गई है। प्रशासन और बाढ़ बचाव टीमें युद्धस्तर पर कार्य कर रहीं हैं। गोंडा में घाघरा का जलस्तर कम हुआ है। अब भी 35 मजरे बाढ़ की चपेट में हैं। लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। रविवार रात ऐलीपरसौली में बिशुनपुरवा के सामने भिखारीपुर सकरौरा तटबंध पर कटान शुरू हो गई। यहां 50 मीटर के दायरे में बांध का 90 फीसद हिस्सा नदी में समा गया। तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया और बांध के बगल में ही एक नए बांध का निर्माण शुरू कर दिया गया। इससे बांध कटते कटते बच गया और माझा वासियों पर आने वाली आफत टल गई फिलहाल बांध अभी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।

तटवर्ती इलाकों में परेशानी बरकरार : सीतापुर में शारदा व घाघरा नदियों के जलस्तर में दो दिन से कमी तो आई है, लेकिन रेउसा, तंबौर व रामपुर मथुरा क्षेत्र के 50 गांवों में पानी भरा है। बहराइच में घाघरा का जलस्तर मंद गति से घट रहा है। तटवर्ती इलाकों में परेशानी बरकरार है। जलस्तर घटने के साथ संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। गोलागंज के खेलरूपुरवा गांव निवासी सुभाष (22) की बाढ़ के पानी मे डूबकर मौत हो गई। घाघरा के तटवर्ती 30 गांव अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। श्रावस्ती में राप्ती नदी का पानी का बहाव तेज होने से नदी मधवापुर घाट पर बने पुल को जोड़ने वाली सड़क के निकट तेजी से कटान कर रही है। यह सड़क कटी तो जमुनहा क्षेत्र के गांव जिला मुख्यालय भिनगा से कट जाएंगे। बलरामपुर में राप्ती के तटवर्ती 40 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। लखीमपुर के पलियाकलां क्षेत्र में शारदा नदी का जलस्तर रविवार से स्थिर है। नदी खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर है। धौरहरा क्षेत्र में दो दिन बाद शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। इससे प्रभावित गांवों में जलभराव से राहत मिली है लेकिन, दोनों नदियां कटान जमकर कर रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.