मध्य कमान स्थित देश की सबसे पुरानी सेना की स्टेशन वर्कशॉप बंद होगी
रक्षा मंत्रलय ने दिए आदेश, निजी क्षेत्र में सौंपा जाएगा सेना के वाहनों की मरम्मत का काम।
लखनऊ, निशांत यादव । देशभर में मिलिट्री फार्म को बंद करने के बाद रक्षा मंत्रलय ने अब मेंटिनेंस की सबसे बड़ी ईएमई कोर के वर्कशॉप को बंद करने का भी निर्णय लिया है। देश की सबसे पुरानी और मध्य कमान की महत्वपूर्ण लखनऊ स्टेशन वर्कशॉप को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके तहत लखनऊ स्टेशन वर्कशॉप को 31 मार्च 2019 तक बंद कर दिया जाएगा। यहां तैनात कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अब तक निर्णय नहीं हो सका है। उधर, वर्कशॉप में तैनात कर्मचारी इसे लेकर 23 दिसंबर से देशभर में हड़ताल पर जा रहे हैं।
सेना में इलेक्ट्रॉनिक एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर की स्थापना वाहनों के साथ ही युद्धक टैंकों व अन्य साजो सामान की मरम्मत के लिए की गई थी। सेना के साजो सामान की मरम्मत जम्मू-कश्मीर और पूर्वी कमान के अंतर्गत आने वाले बेस वर्कशॉप में होती है। जबकि, भारी वाहनों और हल्के हथियारों की मरम्मत लखनऊ सहित बड़े स्टेशन वर्कशॉप में होती है। सन 1950 में इस कोर का नए सिरे से पुनर्गठन किया गया था। रक्षा मंत्रलय ने ईएमई कोर को समाप्त कर वाहनों की मरम्मत का काम निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। इसके तहत पिछले दिनों कुछ बड़े वर्कशॉप को बंद कर दिया गया। हालांकि, वहां तैनात सिविल कर्मचारियों की नई जगह तैनाती को लेकर अब तक संशय बरकरार है। इस बीच लखनऊ वर्कशॉप को बंद करने का आदेश भी आ गया है। लखनऊ में लगभग दो सौ जवान और अधिकारी कार्यरत हैं।
निजी हाथ में सुरक्षा को भी खतरा
सेना के अफसरों के मुताबिक उनके सरकारी वाहन की अभी ईएमई कोर में सुरक्षित जगह पर मरम्मत होती है। निजी एजेंसी में काम की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। साथ ही सरकारी वाहनों की मूवमेंट की जानकारी भी किसी के हाथ लग सकती है।
रोजगार पर संकट
रक्षा मंत्रलय ने पिछले दो साल से वर्कशॉप में नई भर्ती पर रोक लगा रखी है। इस बीच कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर करीब 25 प्रतिशत पद रिक्त हैं। वहीं, ईएमई कोर में सेना के जवानों की भी भर्ती नहीं होगी। इससे रोजगार के अवसर और कम होंगे।