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UP Fake Teacher Recruitment Case: STF के निशाने पर 76 और फर्जी शिक्षक, कार्रवाई के लिए लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में एसटीएफ के निशाने पर 76 और फर्जी शिक्षक हैं। जांच में जो और फर्जी शिक्षक सामने आए हैं वे गोरखपुर देवरिया सिद्धार्थनगर व पूर्वांचल के अन्य जिलों में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 10:16 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के निशाने पर 76 और फर्जी शिक्षक हैं।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के निशाने पर 76 और फर्जी शिक्षक हैं। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर एसटीएफ ने गृह विभाग को पत्र लिखकर फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की है। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ की जांच में जो और फर्जी शिक्षक सामने आए हैं, वे गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व पूर्वांचल के अन्य जिलों में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं।

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उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने 21 सितंबर को बाराबंकी में नियुक्त फर्जी शिक्षक प्रमोद कुमार सिंह उर्फ यदुनाथ यादव समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। तीनों के विरुद्ध लखनऊ के विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। प्रमोद बाराबंकी के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहा था। जांच में सामने आया था कि प्रमोद मानव संपदा पोर्टल की वेबसाइट का दुरुपयोग कर जाली प्रपत्रों के जरिए नौकरी कर रहे कुछ अन्य फर्जी शिक्षकों को ब्लैकमेल भी कर रहा था। विभिन्न जिलों में फर्जी मार्कशीट व नाम-पता बदलकर नौकरी कर रहे शिक्षकों के विरुद्ध चल रही जांच की कड़ी में ही एसटीएफ ने 76 ऐसे और फर्जी शिक्षकों के बारे में जानकारी जुटाई है।

फर्जी शिक्षक भर्ती केस में इससे पहले फर्जी मार्कशीट के जरिये एक नाम के कई शिक्षकों के अलग-अलग जिलों में नौकरी करने का मामला भी पकड़ा गया था। एसटीएफ ने जून 2018 में सबसे पहले मथुरा में फर्जी शिक्षकों की भर्ती का मामला पकड़ा था, जिसके बाद जांच का दायरा बढ़ता चला गया था। एसटीएफ की पड़ताल में अब तक सबसे अधिक मामले दूसरों के शैक्षिक दस्तावेजों के जरिये अपनी पहचान बदलकर नौकरी हासिल करने के सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग भी इन मामलों की जांच कर रहा है। मानव संपदा पोर्टल के जरिए भी फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया जा रहा है।


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