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69000 शिक्षक भर्ती : हाई कोर्ट डबल बेंच से राहत के बाद अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल कर दी है जिसके जरिये शीर्ष अदालत से शिक्षक भर्ती को लेकर दिये गए आदेशों में संशोधन करने का अनुरोध किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 10:55 PM (IST)
69000 शिक्षक भर्ती : हाई कोर्ट डबल बेंच से राहत के बाद अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार
69000 शिक्षक भर्ती : हाई कोर्ट डबल बेंच से राहत के बाद अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच की एकल पीठ के आदेश को डबल बेंच की ओर से स्थगित किए जाने के बाद राज्य सरकार अब इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के रुख का इंतजार करेगी। राज्य सरकार की ओर से इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल कर दी गई है जिसके जरिये शीर्ष अदालत से उसके द्वारा 21 मई व नौ जून को दिये गए आदेशों में संशोधन करने का अनुरोध किया गया है।

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उत्तर प्रदेश में सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में चयनित अभ्यर्थियों अभ्यर्थियों की काउंसलिंग तीन से छह जून तक प्रस्तावित थी। इस बीच सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में पूछे गए कुछ सवालों के जवाबों से असंतुष्ट अभ्यर्थी हाई कोर्ट चले गए। उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बीती तीन जून को भर्ती पर अंतरिम रोक लगा दी थी। एकल पीठ के निर्णय को सरकार ने विशेष अपील के जरिए डबल बेंच के समक्ष चुनौती दी थी।

उधर सहायक अध्यापक भर्ती के लिए शासन की ओर से निर्धारित उत्तीर्ण अंक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए कुछ अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने नौ जून को राज्य सरकार को 37339 पदों को रोकते हुए शेष पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया था। इसी मामले में सुनवाई के दौरान 21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात शिक्षामित्रों का जिक्र किया था। राज्य सरकार का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने उसका पक्ष नहीं सुना।

हाई कोर्ट की डबल बेंच की ओर से एकल पीठ के निर्णय को स्थगित किए जाने के आदेश के बावजूद सरकार इस मामले में कोई हड़बड़ी नहीं दिखाना चाहती क्योंकि इस मामले का एक सिरा सुप्रीम कोर्ट से भी जुड़ा हुआ है। सरकार का मानना है कि जब भर्ती प्रक्रिया रुक ही गई है तो हर स्तर से स्थिति साफ होने के बाद ही उसे अंजाम तक पहुंचाया जाए। हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के क्रम में सरकार यदि काउंसलिंग शुरू करती है तो उसे चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने होंगे। लिहाजा भर्ती को लेकर अगला कदम उठाने से पहले सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना मुनासिब समझ रही है।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने 'दैनिक जागरण' को बताया कि हाई कोर्ट के डबल बेंच के आदेश के बाद सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बजाय अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट का जैसा आदेश होगा सरकार वैसा ही करेगी।


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