15 नवंबर को हड़ताल पर रहेंगे केंद्र व राज्य के 62 लाख सरकारी कर्मचारी
केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति की ओर से नई पेंशन योजना के विरोध में आयकर कार्यालय में सम्मेलन आयोजित कर हड़ताल का निर्णय लिया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। नई पेंशन योजना को धोखा करार देते हुए प्रदेश में कार्यरत केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों ने 15 नवंबर को हड़ताल करने की चेतावनी दी है। हड़ताल में रेलवे के 32 लाख, आयकर सहित अन्य केंद्रीय संस्थानों के आठ लाख और राज्य सरकार के 22 लाख कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया गया है। इससे पहले आठ अक्टूबर को राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों ने राजधानी में रैली आयोजित कर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की है।
केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति की ओर से नई पेंशन योजना के विरोध में सोमवार को आयकर कार्यालय में सम्मेलन आयोजित कर हड़ताल का निर्णय लिया गया। सम्मेलन में रेलवे, आयकर, पोस्टल, जीएसआइ, भूगर्भ जल, जनसंख्या, आकाशवाणी व दूरदर्शन सहित अन्य केंद्रीय संस्थानों के कर्मचारी संगठन शामिल हुए, जबकि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित राज्य कर्मचारियों के भी कई संगठन मौजूद थे। समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष व नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्प्लाइज के राष्ट्रीय महासचिव आरएन पाराशर ने सभी संगठनों के पदाधिकारियों को नई पेंशन नीति के दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए संगठित आंदोलन की जरूरत बताई।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष केकेएन कुट्टी ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1982 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन नियोक्ता की इच्छा के आधार पर न तो कोई बख्शीस है और न ही कृपा है। यह कर्मचारियों का ही पैसा है, जो उनके वेतन से काट कर बाद में दिया जाता है लेकिन, सरकार इसे शेयर बाजार में लगा रही है, जो अनिश्चित है। समन्वय समिति के प्रांतीय महासचिव जेपी सिंह ने कहा कि बाजार में वर्ष 2008 जैसी गिरावट आई तो कर्मचारियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
सम्मेलन में यूपी कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्मेंट इम्प्लाइज एंड वर्कर्स व ऑल इंडिया स्टेट गवर्मेंट इम्प्लाइज फेडरेशन ने 15 नवंबर को हड़ताल करने और इसे सफल बनाने के लिए देश भर में अभियान चलाने का निर्णय लिया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि हड़ताल में राज्य कर्मचारियों के साथ प्रदेश के शिक्षक भी शामिल रहेंगे। सम्मेलन में नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल मंत्री आरके पांडेय, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्र, सीआइटीयू के प्रदेश महासचिव प्रेमनाथ राय और समन्वय समिति के प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी सहित अन्य मौजूद थे।
बदल गई आयोजन की जगह
सम्मेलन के लिए केंद्रीय कर्मचारियों ने विश्वेश्वरैया सभागार कई दिन पहले बुक कराया था। इसी सभागार में भाजपा का सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन 26 सितंबर को प्रस्तावित था, लेकिन यह आयोजन अचानक दो दिन पहले सोमवार को कर लिया गया और केंद्रीय कर्मचारियों की बुकिंग निरस्त हो गई। आयकर के कर्मचारी नेता जेपी सिंह ने बताया कि इस वजह से उन्हें आपात स्थिति में आयकर भवन के पिछवाड़े सम्मेलन करना पड़ा।