बेआवाज, बिना धुआं दौड़ेंगी नगर बस
नीरज मिश्र, लखनऊ: न वायु प्रदूषण और न इंजन का शोर यानी ध्वनि प्रदूषण का झंझट। राजधानीवास
नीरज मिश्र, लखनऊ: न वायु प्रदूषण और न इंजन का शोर यानी ध्वनि प्रदूषण का झंझट। राजधानीवासी बहुत जल्द वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों से शहर में सफर का आनंद ले सकेंगे। 40 बेआवाज बसें नगरीय परिवहन बेड़े में अतिशीघ्र शामिल होने वाली हैं। बसों की खरीद के लिए टेंडर हो गये हैं। तीन माह में ट्रायल रन के लिए बसें आ जाएंगी। संचालन ठीक रहा तो शेष बसें नगरीय फ्लीट में इसी वर्ष के अंदर शामिल कर ली जाएंगी।
इन इलेक्ट्रिक बसों के आने से नगरीय परिवहन आधुनिक बसों से सुसज्जित हो जायेगा। इनमें 31 सीट होंगी और स्टैंडिंग यात्रा के लिए 25 लोगों का स्थान होगा। दुबग्गा से इनका संचालन किया जाएगा। बसों की चार्जिग के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
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दुबग्गा में बनेगी कार्यशाला होगी, चार्जिग
इन इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिग के लिए दुबग्गा स्थित कार्यशाला में विशेष व्यवस्था की जाएगी। चार्जिग के लिए स्लो और फास्ट चार्जर कार्यशाला में लगाए जाएंगे। पांच से छह घंटे की अवधि में बसों की बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जायेगी। एक बार चार्ज होने के बाद बस तकरीबन 200 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
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चालकों की होगी विशेष ट्रेनिंग
इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए अच्छे चालकों को चिह्नित कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे उनका संचालन बेहतर रहे।
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मेट्रो स्टेशन से होंगी लिंक
यह बसें मेट्रो स्टेशनों तक जाएंगी। जिससे मेट्रो से उतरने वाले यात्रियों को आधुनिक सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
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तीन माह में ट्रायल के लिए बसें आ जाएंगी। अगर संचालन अच्छा रहा तो अधिकतम नौ माह में 40 बसों को नगरीय बेड़े में शामिल कर दिया जाएगा। यह नगर बस अत्याधुनिक होगी। साथ ही वातानुकूलित और शोर रहित भी। यात्री को यह तक पता नहीं चलेगा कि बस स्टार्ट भी है या नहीं। अभी किराया तय नहीं किया गया है। लेकिन अधिक नहीं होगा।
अजीत सिंह, संयुक्त निदेशक नगरीय परिवहन निदेशालय