फार्मेसी की 60 हजार सीटों के लिए 35 हजार दावेदार, सब पास हो गए तब भी खाली रह जाएंगी सीटें
कोरोना संक्रमण का असर 46 फीसद परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित। 28 सितंबर को परीक्षा परिणाम आएगा और 30 से काउंसिलिंग शुरू होगी।
लखनऊ, (जितेंद्र उपाध्याय)। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से आयोजित परीक्षा के आधार पर फार्मेसी डिप्लाेमा के लिए प्रवेश होता है। बीते दिनों आयोजित परीक्षा में आवेदन के मुकाबले मात्र 54 फीसद ही परीक्षार्थी शामिल हुए। कोरोना संक्रमण के भय से परीक्षा में अनुपस्थित अभ्यर्थियों के मुकाबले सीटों की संख्या अधिक होने की वजह से फार्मेसी संस्थान चलाने वाले संचालकों की नींद भी उड़ गई है। परिषद की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक फार्मेसी ग्रुप में 66,306 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और 35,880 परीक्षा में शामिल हुए। वर्तमान में सूबे की फार्मेसी संस्थानों में 60 हजार सीटों पर प्रवेश होता है। परीक्षा देने वाले सभी पास भी हो गए तब भी फार्मेसी की सीटें भर नहीं पाएंगी।
तीन से चार गुना की होती थी काउंसिलिंग
28 सितंबर को परीक्षा परिणाम आएगा और 30 से काउंसिलिंग शुरू होगी। हर वर्ष सीटों के मुकाबले तीन से चार गुना अभ्यर्थी काउंसिलिंग में हिस्सा लेते थे। सीट कम होने से हजारों छात्र प्रवेश से वंचित रह जाते थे। इस बार इसका उल्टा होने वाला है। प्रवेश के लिए संस्थानोे को खुद अभ्यर्थियोें को बुलाना पड़ेगा। परीक्षा परिणाम संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की वेबसाइट (जेईईसीयूपी.एनआइसी.इन) पर देखा जा सकता है। इसके बाद काउंसिलिंग होगी।
बढ़ेंगी 10 फीसद सीटें
एक ओर जहां कुल सीटोें के मुकाबले अभ्यर्थियोें की संख्या कम होने को लेकर संस्थानों के संचालकों की नींद उड़ी हुई है तो दूसरी ओर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के 10 फीसद सीटाें को बढ़ाने की तैयारी में हैं। नई संस्थाएं खुलने से सीटों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। वहीं डोनेशन लेकर प्रवेश लेने वाली संस्थाएं भी अब परिषद से बीच का रास्ता निकालने या फिर सीधे प्रवेश की अनुमति के इंतजार में हैं।
'इस बार अनुमान से कम अभ्यर्थियोें ने परीक्षा दी है। ए ग्रुप के बाद सबसे अधिक मारामारी फार्मेसी में रहती है। पंजीयन भी ए-ग्रुप के बाद सबसे ज्यादा फर्मेसी के ग्रुप-ई मेें परीक्षार्थी शामिल हुए, बावजूद इसके सीटों के अभ्यर्थियोें की संख्या कम है।' -एसके वैश्य , सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद