अयोध्या ढांचा ध्वंस प्रकरण में कल्याण सिंह समेत 32 आरोपित तलब, 28 मई को फिर होगी सुनवाई
अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ध्वंस प्रकरण के आपराधिक मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाह जगत बहादुर अग्रवाल की गवाही के साथ-साथ अभियोजन साक्ष्य बुधवार को समाप्त हो गया।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ध्वंस प्रकरण के आपराधिक मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाह जगत बहादुर अग्रवाल की गवाही के साथ-साथ अभियोजन साक्ष्य बुधवार को समाप्त हो गया। अयोध्या प्रकरण के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव की अदालत ने बयान दर्ज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत सभी 32 आरोपितों को 28 मई (गुरुवार) को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ध्वंस प्रकरण की सुनवाई के समय अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से सीबीआई के विशेष अधिवक्ता ललित कुमार सिंह एवं आरके यादव उपस्थित थे। बचाव पक्ष के अनुरोध पर अदालत ने गवाह फरहत अब्बास, मधुरिमा मिश्रा और जगत बहादुर अग्रवाल को जिरह के लिए तलब किया। गवाह मधुरिमा मिश्रा को बुजुर्ग एवं बीमार होने के कारण पेश नहीं किया जा सका। अन्य दोनों गवाहों से बचाव पक्ष की ओर से जिरह पूरी की गई। जिरह के समय बचाव पक्ष के अधिवक्ता केके मिश्रा अदालत में उपस्थित थे।
बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरण के मामले की रिपोर्ट 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी। विवेचना के बाद सीबीआइ ने 49 आरोपितों के विरुद्ध विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले के विचारण के दौरान 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मौजूदा समय में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है। अदालत के अनुसार आरोपितों के बयान के लिए एक हजार से अधिक प्रश्न सीबीआइ की ओर से तैयार किए गए हैं, जिनके आधार पर आरोपितों से प्रश्न पूछे जाएंगे।