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ED लखनऊ जोन डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने VRS मांगा, खाकी के बाद खादी पहनने की तैयारी

ED Lucknow Zone प्रतिनियुक्ति पर ईडी में तैनाती के दौरान 2-जी के साथ ही साथ कॉमनवेल्थ खेल घोटाले की जांच में बेहद सक्रिय रहे राजेश्वर सिंह ने 12 वर्ष की नौकरी बाकी रहने के बाद भी वीआरएस का फैसला लिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 09:52 AM (IST)
ED लखनऊ जोन डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने VRS मांगा, खाकी के बाद खादी पहनने की तैयारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन के डायरेक्टर पीपीएस अधिकारी राजेश्वर सिंह

लखनऊ, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन के डायरेक्टर पीपीएस अधिकारी राजेश्वर सिंह ने वीआरएस मांगा है। प्रतिनियुक्ति पर ईडी में तैनाती के दौरान 2-जी के साथ ही साथ कॉमनवेल्थ खेल घोटाले की जांच में बेहद सक्रिय रहे राजेश्वर सिंह ने 12 वर्ष की नौकरी बाकी रहने के बाद भी वीआरएस का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि खाकी के बाद वह खादी धारण करने की तैयारी में हैं। वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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राजेश्वर सिंह मूलत: सुल्तानपुर के रहने वाले हैं। माना जा रहा है कि यह वीआरएस स्वीकार होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। राजेश्वर सिंह के एक दो हफ्तों में भाजपा मे शामिल होंने की उम्मीद है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के चुनाव में विधानसभा का चुनाव भी लडऩे की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट के नाम से पहचान रखने वाले अफसर राजेश्वर सिंह वर्ष 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय में चले गए थे। प्रवर्तन निदेशालय में अपनी तैनाती के दौरान यूपीए सरकार के चर्चित घोटालों की जांच की और कई तत्कालीन प्रमुख सियासी चेहरों के खिलाफ कार्रवाई भी की। ईमानदार छवि के अफसर राजेश्वर सिंह के खिलाफ वर्ष 2018 में सरकार ने जांच भी कराई, लेकिन इनके खिलाफ कुछ नहीं मिला।

राजेश्वर सिंह लखनऊ में सीओ के पद पर तैनाती के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे। वर्ष 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर इन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को ज्वाईन किया और कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच में शामिल रहने के साथ ही जांच की जिम्मेदारी भी संभाली। इन महत्वपूर्ण मामलों में बहुचर्चित 2 जी स्पेक्ट्रम केस से सम्बन्धित मामलों की जांच की भी जिम्मेदारी इनके पास थी। यूपीए सरकार में हुए कामनवेल्थ गेम्स हुए घोटाले और कोल डिपो के आवंटन में हुई अनियमितता की जांच भी इन्होंने की। इसके साथ ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर डील में हुई अनियमितता के मामले में तत्कालीन मंत्री पी चिदंबरम के साथ उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई की। इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला, मधु कोड़ा और जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ चल रही जांच भी राजेश्वर सिंह के पास थी। राजेश्वर सिंह के पास माइनिंग की इंजीनियरिंग और ह्यूमन राइट्स की भी डिग्री है।

सुल्तानपुर जिले के पखरौली निवासी राजेश्वर सिंह के पिता स्वर्गीय रणबहादुर सिंह भी पुलिस उप महानिरीक्षक रहे हैं। राजेश्वर सिंह की आइपीएस अधिकारी पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ में आईजी रेंज पद पर तैनात हैं। भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं तो दो बहनों में एक मीनाक्षी सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। इनके पति आइपीएस अफसर राजीव कृष्णा इन दिनों आगरा में एडीजी जोन हैं। बड़ी बहन आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस से सेवानिवृत होने के बाद मुंबई हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। इनके पति वाइपी सिंह ने भी आइपीएस की सेवा ने वीआरएस लिया था।  


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