मुख्तार से जुड़े लोगों की नामी-बेनामी संपत्ति हो रही चिह्नित, बाराबंकी में डीएम ने शुरू कराई जांच
Mukhtar Ansari बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए 2013 में एंबुलेंस का फाइनेंस और फिर पंजीयन कराया गया। इससे वह न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पंजाब में भी पेशी जाता था। इसका राजफाश हुआ तो एक अप्रैल को कोतवाली पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।
बाराबंकी, [निरंकार जायसवाल]। मुख्तार अंसारी के बाराबंकी में नेटवर्क के साथ पुलिस अब उससे जुड़े रहे लोगों की संपत्ति का ब्योरा भी एकत्र कर रही है। डीएम के आदेश पर चल-अचल संपत्ति को चिह्नित करने काम शुरू हो गया है। इस कार्य की जिम्मेदारी डीएम ने पांच विभागों के विभागाध्यक्षों को सौंपी है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए 2013 में एंबुलेंस का फाइनेंस और फिर पंजीयन कराया गया। इससे वह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पंजाब में भी पेशी जाता था। इसका राजफाश हुआ तो एक अप्रैल को कोतवाली पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।
विवेचना में मुख्तार अंसारी सहित कुल छह लोगों का नाम मुकदमे में शामिल कर मऊ स्थिति हॉस्पिटल की संचालिका डा. अलका राय उसके सहयोगी डा. शेषनाथ राय और राजनाथ यादव को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। इस एंबुलेंस को बाराबंकी में पंजीयन कराने में मुख्तार के नेटवर्क से जुड़े कौन लोग थे, इसका राजफाश करना पुलिस के लिए अभी शेष है। पुलिस की विवेचना में जिन करीबी लोगों का नाम प्रकाश में आया है।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने उन लोगों की नामी और बेनामी संपत्ति का पता लगाने की दिशा में कदम उठा दिया है। एसपी के पत्राचार के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने ऐसे लोगों की संपत्ति का ब्योरा एकत्र करने का आदेश जारी किया है। यह जिम्मेदारी उप जिला मजिस्ट्रेट नवाबगंज, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका नवाबगंज, उप निबंधक नवाबगंज और महाप्रबंधक लघु उद्योग को सौंपी गई है।