भवन निर्माण हुआ महंगा: सरिया की कीमतों पर ब्रेक नहीं, पहुंची 60,000 रुपये टन; सीमेंट में भी तेजी
Building Construction Price Hike भवन निर्माण कराने वालों को झटका तीन माह में 12000 रुपये प्रति टन की तेजी । सरिया के भाव में 6000 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल सीमेंट में दस रुपये बोरी की तेजी।
लखनऊ, जेएनएन। Building Construction Price Hike: भवन निर्माण की सबसे अहम जरूरत सरिया की कीमतों पर ब्रेक लगता नजर नहीं आ रहा है। इससे घर बनवा रहे लोगों और निर्माण कार्यों में जुड़ी एजेंसियों के समक्ष दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। इसके चलते भवन निर्माण से जुड़े कार्यों की गति लगातार धीमी होती जा रही है। इन दिनों सरिया का बाजार भाव 60,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच चुका है। हाल यह है कि बीते तीन माह के दौरान 12,000 रुपये प्रति टन की तेजी बाजार में दर्ज की गई है। फरवरी माह में सरिया का भाव 48,000 रुपये टन था। इसके अलावा सीमेंट की हर वैरायटी की कीमतों में दस रुपये बोरी का इजाफा है। अगर सरिया का रेट क्विंटल में देखा जाए तो यह तेजी 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की है। पेश है नीरज मिश्र की विस्तृत रिपोर्ट...।
वस्तु- कीमत प्रति क्विंटल रुपये में-फरवरी-मार्च-अप्रैल (अब तक)
सरिया-4,800-5,400-6,000
वस्तु- कीमत प्रति टन रुपये में-फरवरी-मार्च-अप्रैल (अब तक)
सरिया-48,000-54,000-60,000
वस्तु- कीमत प्रति बोरी रुपये में-फरवरी-मार्च-अप्रैल (अब तक)
- सीमेंट-350-350-360
- सीमेंट-360-360-370
- सीमेंट-380-380-390
मौरंग-बालू स्थिर
- वस्तु भवन सामग्री प्रति ट्रक 1000 घनफीट फरवरी-मार्च-अप्रैल (अब तक)
- मौरंग-50,000, 50,000, 52,000
- बालू-20,000, 20,000, 17,000 से 20,000
तीन माह पहले था मौरंग बालू का यह भाव: करीब तीन माह पहले मौरंग की कीमत 85 से 90 रुपये घनफीट और बालू 30 रुपये घनफीट तक थी। लेकिन खदान खुलने के बाद अक्टूबर माह से चढ़ रहे भाव कम होने की वजह से आशियाना बनाने वाले लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलने लगी। बालू और मौरंग की कीमतें घटती चली गईं।
उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता के मुताबिक, सरिया के दामों में बहुत तेज उछाल है। हाल यह है कि तीन माह पहले 4,800 रुपये क्विंटल बिक रही सरिया अब 6,000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गई है। वहीं सीमेंट के भाव में भी अचानक तेजी दर्ज की गई है। भवन निर्माण में यह सामग्री सबसे अहम मानी जाती है। हालांकि खदान खुलने के बाद बालू और मौरंग के दाम करीब-करीब स्थिर है।