लखनऊ में कई प्रतिष्ठानों में मिलावट पर लगा आठ लाख जुर्माना, FSDA की जांच में पकड़ी गयी थी मिलावट
राजधानी लखनऊ में खाद्य पदार्थों की मिलावट रोकने के लिए अभियान चलाकर सैंपलिंग की गयी थी। लैब रिपोर्ट आने के बाद अपर जिलाधिकारी पूर्वी न्यायालय में दायर मुकदमों की सुनवाई के बाद 795000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
लखनऊ, जेएनएन। शहर के नामी-गिरामी प्रतिष्ठानों और बड़े ब्रांड के खाद्य सामग्रियों में भी मिलावट और गुणवत्ता में कमी पायी गयी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ग्यारह मामलों में आठ लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। इस तरह कुल 44 लाख रुपये का जुर्माना मिलावट पर इस वित्तीय वर्ष में लगाया जा चुका है। राजधानी में खाद्य पदार्थों की मिलावट रोकने के लिए अभियान चलाकर सैंपलिंग की गयी थी। लैब रिपोर्ट आने के बाद अपर जिलाधिकारी पूर्वी न्यायालय में दायर मुकदमों की सुनवाई के बाद 795000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
इन पर लगा जुर्माना
अभिहीत अधिकारी एसपी सिंह के मुताबिक जिन लोगों पर जुर्माना लगाया गया उनमें महेश नमकीन 25 हजार, अरोड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर गोमतीनगर पचास हजार, मेसर्स खंडेलवाल ज्योति इंदिरानगर दो लाख, इजी डे पर 45000, विक्की बेकर्स एंड कन्फेक्शनर्स हिंद नगर पर 45000, राधिक फूड आलमबाग पर तीस हजार, बेस्ट प्राइज सुल्तानपुर रोड पर एक लाख, गोयल जरनल स्टोर रिवर बैंक कालोनी पर 75000 हजार, जायका रेस्टोरेंट पर 75000, एबीसी फैमिली स्टोर बालागंज पर 75000 और पराग मिल्क बार रायबरेली रोड पर भी 75000 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। पूरे अभियान के दौरान करीब 157 मामलों में घटिया गुणवत्ता, मिलावट और मिथ्याछाप पायी गयी।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा बहुओं को ट्रेनिंग
एफएसडीए ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा बहुओं को भी मिलावट की पहचान करने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया है। आज चिनहट और गोसाईगंज ब्लाक में ट्रेनिंग दी गयी। इसका मकसद शिशुओं और महिलाओं को स्वस्थ रखना और पोषण में सुधार लाना है।