World Hearing Day: संक्रमण के कारण अचानक जा सकती है सुनने की शक्ति, 72 घंटे की इलाज की डेड लाइन
World Hearing Day 72 घंटे के अंदर इलाज मिलने से संभव है इलाज। अचानक सुनाई न देने पर डॉक्टर से संपर्क करें। बुखार और चक्कर आने की वजह से दिमाग मे सुनने वाला हिस्सा भी प्रभावित होता है।
लखनऊ, जेएनएन। World Hearing Day: यदि किसी को अचानक सुनाई देना कम हो जाय तो तुरंत नाक, कान व गला (ईएनटी) के डॉक्टर की सलाह लें। 72 घंटे के भीतर उपचार मिलने से मरीज की सुनने की क्षमता पहले जैसी वापस आ सकती है। इलाज में ज्यादा देर होने पर सुनने की क्षमता प्रभावित हो भी सकती है। यह जानकारी विश्व श्रवण दिवस की पूर्व संध्या पर पीजीआइ के ईएनटी सर्जन प्रो अमित केशरी ने दी। वह बताते हैं कि पीजीआइ की ओपीडी में हर माह करीब चार मरीज अचानक सुनाई न देने की समस्या वाले आते हैं।
सुनने वाला हिस्सा प्रभावित होता है: प्रो. अमित केशरी बताते हैं कि वायरल संक्रमण व बुखार और चक्कर आने की वजह से दिमाग मे सुनने वाला हिस्सा प्रभावित होता है। जिसकी वजह से अचानक सुनाई देना बन्द हो जाता है। ऐसे लोगों को 72 घंटे में उपचार मिल जाना चाहिए। उपचार के तौर पर इनके कान में दवाएं, इंजेक्शन और स्टेरॉयड देते हैं। मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नही होती है। ओपीडी में उपचार देकर ठीक किया जा सकता लेकिन ज्यादा समय होने पर मरीज को सुनने वाली मशीन का प्रयोग करना पड़ सकता है। प्रो. अमित केशरी बताते हैं कि अमूमन उम्र बढ़ने के साथ लोगों में सुनने की क्षमता कम होती जाती है। कुछ लोगों में यह अनुवांशिक समस्या होती है। इसके अलावा जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, गुर्दे की गभीर बीमारी व कैंसर मरीज सतर्क रहें।
जागरूकता कार्यक्रम आज: विश्व श्रवण दिवस पर बुधवार को पीजीआई में न्यूरो सर्जरी विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सुनने की समस्या का निदान व कई अन्य नवीन जानकारियों पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन किया जाएगा।