Lucknow Charbagh Hotel Fire Case: चारबाग अग्निकांड के दोषियों की सूची 38 दिन से डंप, कार्रवाई सुस्त
Lucknow Charbagh Hotel Fire Case विहित प्राधिकरण ने 23 दिसंबर 2010 को शमन का दिया था आदेश। लविप्रा ने चार दर्जन अभियंताओं की तैयारी कराई थी सूची। अभियंताओं की सूची भी लविप्रा 12 जनवरी 2021 को भेज चुका है लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है।
लखनऊ, जेएनएन। Lucknow Charbagh Hotel Fire Case:लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने अगर 2010 से पहले चारबाग में बने होटलों पर कार्रवाई की होती तो सात लोगों की जान नहीं गई होती। अभियंताओं व होटल मालिकों के कॉकस ने सात लोगों की जान ली। 23 दिसंबर 2010 में ही विहित प्राधिकरण ने होटल को गिराने की नोटिस जारी की गई थी।
पूर्व प्रवर्तन के अभियंताओं ने आदेशों की अवहेलना की। इन सालों में चारबाग स्थित मुन्नी लाल धर्मशाला रोड पर बने सरला रानी के एसएसजे इंटरनेशनल होटल पर कार्रवाई भी हो सकती थी। वहीं शासन की डिमांड पर तैनात रहे अभियंताओं की सूची भी लविप्रा 12 जनवरी 2021 को भेज चुका है, लेकिन 38 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई हे। वहीं अब मुख्तार मामले की सूची आज भेजने की तैयारी है।
घटना के सालों बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उस होटल का नक्शा नियमों के तहत पास कर दिया, जिसमें पर्यटकों की जान गई थी। होटल एसएसजे का शमन मानचित्र 26 अगस्त 2020 को शमन योजना 2020 के अंतर्गत बेसमेंट व जी प्लस थ्री एकल आवासीय योजना के लिए स्वीकृत हुआ था। वहीं विराट मानचित्र के पूरी तरह से विपरीत था तो उसे गिराया गया, क्योंकि होटल मालिक ने शमन नीति के तहत नक्शा पास नहीं कराया था।
इन अभियंताओं की भेजी गई शासन में सूची: लविप्रा के अभियंताओं ने बताया कि जिनकी सूची भेजी गई है उन अवर अभियंताओं में मोहन चंद्र सती, धन्नी राम, लाल जी शुक्ला, जर्नादन सिंह, गजराज सिंह, प्रमोद कुमार वर्मा, अनिल कुमार सिंह द्वितीय, अरविन्द उपाध्याय, पीएन पांडेय वीके गुप्ता, रवीन्द्र सिंह, अनिल कुमार सिंह प्रथम, अनिल मिश्रा। सहायक अभियंताओं में अजीत कुमार, राजेंद्र कुमार, बसंत कुमार, राकेश कुमार, आलोक रंजन, ओपी गुप्ता रहे। वही अधिशासी अभियंता में प्रदीप कुमार, आरके शुक्ला, डीसी यादव, अजय कुमार सिंह, दुर्गेश श्रीवास्तव, अरुण कुमार सिंह और फिर अजय कुमार सिंह रहे।
पट्टा खत्म, गार्डन लीज पर कब्जा बरकरार: चारबाग स्थित मुन्नी लाल धर्मशाला रोड पर हजारों वर्ग फिट जमीन इंम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन है। सड़क की एक पट्टी पर सालों पहले गार्डन लीज को पट्टे पर दिया गया था। आज पट्टा खत्म हो गया है। इसके बाद भी होटल व व्यापारी गार्डन लीज की जमीनों का प्रयोग व्यापार के लिए कर रहे हैं।