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Indian Army Day: तकनीक के पथ पर बढ़ते सेना के कदम, सेंट्रल थिएटर कमांड बनेगा चीन के सामने मजबूत दीवार

स्वतंत्रता के बाद से ही लखनऊ सेना का मजबूत बेस रहा है। थलसेना की सेंट्रल कमांड की द्वितीय विश्व युद्ध में 1942 में स्थापना की गई थी और 1946 में समाप्त कर दिया गया। सन 1962 तक लखनऊ में पूर्वी कमान का मुख्यालय था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:15 PM (IST)
भावी चुनौतियों के लिए अब खुद तैयार हो रही सेना। सेंट्रल थिएटर कमांड बनेगा चीन के सामने मजबूत दीवार।

लखनऊ, [निशांत यादव]। मध्य कमान के महू इंफेंट्री स्कूल के ले. कर्नल प्रसाद बंसोद ने देश की पहली 9 एमएम की मशीन पिस्टल 'एएसएमआइ' रिकॉर्ड चार महीने में ही बना दी। केवल दो किलो भार वाली इस मशीन पिस्टल की आठ इंच बैरल की 33 राउंड की उच्च क्षमता वाली मैगजीन मारक क्षमता को बढ़ाएगी। एएसएमआइ नाम गर्व, आत्मसम्मान और कठिन कार्य पर आधारित है। सैन्य अफसर की यह तकनीक भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना को और मजबूत बनाएगी। भारतीय सेना अपने परंपरागत रणकौशल के साथ आधुनिकता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। देश की सबसे बड़ा मध्य कमान दुश्मनों के आगे मजबूत दीवार बन गया है। मध्य कमान के कई शूरवीर सेना दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित किए जाएंगे। शुक्रवार को 71वां भारतीय सेना दिवस मनाया जाएगा। 

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स्वतंत्रता के बाद से ही लखनऊ सेना का मजबूत बेस रहा है। थलसेना की सेंट्रल कमांड की द्वितीय विश्व युद्ध में 1942 में स्थापना की गई थी और 1946 में समाप्त कर दिया गया। सन 1962 तक लखनऊ में पूर्वी कमान का मुख्यालय था। भारतीय-चीन युद्ध के बाद पूर्वी कमान कोलकाता शिफ्ट हो गया और लखनऊ में एक मई 1963 को नए मध्य कमान के सूर्य का उदय हुआ। चीन सीमा वाले उत्तराखंड सहित सात राज्यों तक फैले मध्य कमान के अधीन 16 रेजीमेंटल सेंटर आते हैं। कई लॉजिस्टिक व ट्रेनिंग एरिया भी सेंट्रल कमांड का हिस्सा हैं। आपात स्थिति में बड़े ऑपरेशन के लिए उत्तराखंड में माउंटेन डिवीजन भी हर पल तैनात रहती है। सेना के पश्चिमी मोर्चे पर जवानों का बैकअप और ट्रेनिंग की जिम्मेदारी मध्य कमान ही निभाता है। 

अब और मजबूत होगा कवच

आधुनिकता के साथ ऑपरेशन को और अचूक बनाने के लिए नया कमांड बनने जा रहा है। थल सेना और वायुसेना के मध्य कमान को मिलाकर सेंट्रल थिएटर कमांड बनाया जाएगा। यह कमांड प्रयागराज में बनेगा। जल्द ही एक स्टडी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाएगी। थल सेना और वायु सेना के मध्य कमान के सभी फार्मेशन और स्क्वाड्रन एक साथ मिलकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देंगे। यह कमांड चीन से मुकाबला करने में सक्षम होगा। 

इसलिए मनाते हैं सेना दिवस

15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ की कमान जनरल फ्रांसिस बूचर से हासिल की थी। केएम करियप्पा देश के पहले फील्ड मार्शल भी बने थे। तब से हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बलिदानियों को नमन आज

सेना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मध्य कमान युद्ध स्मारक स्मृतिका पर बलिदानियों को नमन किया जाएगा। मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल इकरूप सिंह घूमन व कई सैन्य अफसर और जवान बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

वेटरन डे पर दूर हुईं शिकायतें

सेना दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को छावनी स्थित एएमसी स्टेडियम में वेटरन डे मनाया गया। मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल आइएस घुमन ने कई रेजीमेंट के रिकॉर्ड कार्यालयों, पीसीडीए, जिला सैनिक बोर्ड, राज्य सैनिक बोर्ड के स्टाल से पूर्व सैनिकों की समस्याओं का निराकरण किया। ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक और सैन्य अस्पतालों के अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों का उपचार किया।  


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