COVID-19 New Strain: पुणे सैंपल भेजने का झंझट खत्म, KGMU में कोरोना के नए स्ट्रेन की जांच
COVID-19 New Strain माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में शुरू हुआ जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट। अब तक साढ़े नौ लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। COVID-19 New Strain: ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्वरूप कई देशों में पहुंच गया। भारत में भी लंदन से लौटे कई यात्री संक्रमित पाए गए। इनकी जीन सिक्वेंसिंग में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई। ऐसे में यूपी सरकार भी अलर्ट हो गई। यहां नए स्ट्रेन की जांच के लिए लैब में सुविधा अपग्रेड करने का निर्देश दिया। अब केजीएमयू ने जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू कर दिया गया है। ऐसे में पुणे सैंपल भेजने का झंझट खत्म हो गया। नए स्ट्रेन की पड़ताल शहर में ही हो सकेगी।
केजीएमयू में यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब शुरू हुई। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल-थ्री लैब ने कोरोना टेस्टिंग में रिकॉर्ड कायम किया है। अब तक साढ़े नौ लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। मगर, अभी तक यहां पर कोरोना वायरस के स्ट्रेन-वन के मौजूदा स्वरूप की जांच की ही सुविधा रही। वहीं ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दीं। देश में वायरस के बदले स्वरूप की दस्तक से भविष्य को लेकर चिंताएं और बढ़ा दीं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर केजीएमयू ने कदम बढ़ा दिया है। वायरस के नए रूप की समयगत-सटीक पड़ताल करने के लिए जीन सिक्वेंसिंग करने का फैसला किया है। कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने संस्थान में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू कर दिया है।
अभी किसी में नहीं मिला नया स्ट्रेन: संस्थान में जीन सिक्वेंसर पहले से उपलब्ध था। इसी के जरिए जीन सिक्वेंसिंग जांच की जाती है। वहीं मशीन के लिए आवश्यक रिएजेंट (अभिकर्मक) किट नहीं थी। यह मंगवा ली गई है। इस टेस्ट के माध्यम से सिर्फ वायरस के स्ट्रेन की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए लैब में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के रेंडम सैंपल लिए जा रहे। इनमें मौजूद वायरस के रूप को जांचा जा रहा है। डॉक्टर देख रहे हैं कि यह नया वायरस है या पुराना वाला ही है। वायरस में कहीं म्यूटेशन तो नहीं हो रहा है, यह सब समय पर जानकारी हो सकेगी। अभी जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा पुणे समेत देश की चार लैबों में ही थी। डॉ. विपिन पुरी के मुताबिक लैब भेजे गए कुछ सैंपल की जीन सिक्वेंिसंग की गई। मगर, इनमें पुराना स्ट्रेन ही वायरस का मिला।