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MVVNL Update: अब उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद लगेंगे स्मार्ट मीटर

MVVNL Update मध्यांचल मुख्यालय में यूएटीटी लैब बनाकर परीक्षण शुरू। इनकी रिपोर्ट ही स्मार्ट मीटर का प्रारंभिक भविष्य तय करेगी। फरवरी के प्रथम सप्ताह तक आएगी रिपोर्ट। पॉवर कॉरपोरेशन को अवगत कराने के बाद स्मार्ट मीटर का भविष्य तय होगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 04:31 PM (IST)
MVVNL Update: अब उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद लगेंगे स्मार्ट मीटर
MVVNL Update: मध्यांचल मुख्यालय में यूएटीटी लैब बनाकर परीक्षण शुरू। (प्रतीकात्‍मक फोटो)

लखनऊ, जेएनएन। MVVNL Update: राजधानी के नौ लाख बिजली उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद भी स्मार्ट मीटर लगाने की प्रकिया शुरू होगी। इसके लिए बिजली विभाग ने गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल) मुख्यालय में एक यूजर एक्सपेट टेंस टेस्ट लैब बनाई है। इस लैब में स्मार्ट मीटर को कई परीक्षणों से गुजारा जा रहा है।

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मध्यांचल एमडी सूर्य पाल गंगवार को पॉवर कॉरपोरेशन की ओर से नोडल अफसर बनाया गया है। अब इनकी रिपोर्ट ही स्मार्ट मीटर का प्रारंभिक भविष्य तय करेगी। कुल मिलाकर हर पैमाने पर स्मार्ट मीटर का परीक्षण किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट जनवरी के अंत या फिर फरवरी के पहले सप्ताह तक आ जाएगी। पॉवर कॉरपोरेशन को अवगत कराने के बाद स्मार्ट मीटर का भविष्य तय होगा। 

जन्माष्टी के दिन प्रदेश के कई जिलों में उन उपभोक्ताओं के यहां बिजली चली गई थी, जिनके यहां स्मार्ट मीटर लगे थे। उसके बाद से ही कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। अब स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। बिजली विभाग के लिए गले की हड्डी बने स्मार्ट मीटर को अब विभाग संपूर्ण परीक्षण में पास होने के बाद भी हरी झंडी देगा। अगर स्मार्ट मीटर इसमें फेल होता है तो रेड सिगनल भी देने की तैयारी है। बता दे कि स्मार्ट मीटर में आज भी कनेक्शन जोड़ने और काटने में समस्या आ रही है। तमाम शिकायतों के बाद भी कार्यदायी संस्था एलएंडटी जोड़ने में असफल है। 

स्मार्ट नेट मीटर से बिलिंग समस्या बरकरार 

पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सोलर रूफ टॉप को भले प्रदेश सरकार बढ़ावा दे रही हो, लेकिन प्लांट लगवाने वाले उपभोक्ता बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से परेशान है। कारण पहले स्मार्ट नेट मीटर में पीओएस की फीडिंग और फिर बिल बिना उपकेंद्र जाए न बनना। यह समस्या आज भी बरकरार है। 


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