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यूपी में अभियान न सहयोग और कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ करा लिए 50 लाख किसानों के हस्ताक्षर!

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को कृषि कानूनों के खिलाफ जो दो करोड़ हस्ताक्षर सौंपे हैं उनमें एक चौथाई भागीदारी यूपी कांग्रेस की है। खास बात है कि इसके लिए पार्टी को न तो अभियान चलाना पड़ा और न फ्रंटल संगठनों का सहयोग लेना पड़ा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 08:47 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 10:30 AM (IST)
यूपी में अभियान न सहयोग और कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ करा लिए 50 लाख किसानों के हस्ताक्षर!
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को जो दो करोड़ हस्ताक्षर सौंपे हैं, उनमें एक चौथाई भागीदारी सिर्फ यूपी कांग्रेस की है।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। तीन दशक से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल कांग्रेस भले ही हर चुनाव में यहां मात खा रही हो, लेकिन कागजों में नजर आ रहे 'नंबर गेम' ने प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा का झंडा पार्टी में बुलंद कर दिया है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को कृषि कानूनों के खिलाफ जो दो करोड़ हस्ताक्षर सौंपे हैं, उनमें एक चौथाई भागीदारी सिर्फ यूपी कांग्रेस की है।

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खास बात है कि प्रदेश में पचास लाख किसानों से हस्ताक्षर कराने के लिए पार्टी को न तो जोरशोर से अभियान चलाना पड़ा और न ही पूरी तरह फ्रंटल संगठनों का सहयोग लेना पड़ा। हां, पार्टी एकजुट अभियान का दावा कर रही है, जबकि किसान कांग्रेस और युवक कांग्रेस को इसका पता भी नहीं है।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं, जिनके समर्थन में कांग्रेस सहित कई गैर भाजपाई दल भी हैं। इसी बीच पिछले दिनों राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को इन कानूनों के खिलाफ दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर सौंपे हैं। गुरुवार को कानपुर पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी तंज कसा था कि कांग्रेस के पास इतने लोग ही नहीं हैं तो हस्ताक्षर कैसे हो गए? खैर, यहां से खड़े हुए सवाल का पीछा किया तो कांग्रेस की 'आंतरिक रणनीति' को आंकड़ों ने जाहिर किया।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ललितपुर में यात्रा निकालते वक्त गिरफ्तार कर लिए गए थे, इसलिए पहला सवाल प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार सिंह से किया कि दो करोड़ हस्ताक्षर में उत्तर प्रदेश की भागीदारी कितनी है? बोले कि शायद युवक कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था। पुष्ट जानकारी लेनी होगी। इस पर युवक कांग्रेस पूर्वी जोन के अध्यक्ष कनिष्क पांडेय से पूछा तो वह बोले कि ऐसे किसी अभियान में युवक कांग्रेस शामिल नहीं हुई। कांग्रेस की मुख्य इकाई ने अभियान चलाया होगा।

फिर दूसरे प्रदेश प्रवक्ता डॉ.उमाशंकर पांडेय से हस्ताक्षर और अभियान का ब्योरा पूछा तो उन्होंने कुछ समय मांगा। करीब एक-डेढ़ घंटे बाद बताया कि अगस्त से लेकर सात नवंबर तक प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी गांव-गांव चौपाल करने निकले थे। मांग-पत्र भरवाए थे, तभी किसानों से हस्ताक्षर भी कराए थे। इस तरह यूपी से कुल 50 लाख हस्ताक्षर हुए, जिसमें किसान कांग्रेस, युवक कांग्रेस सहित सभी की भागीदारी थी।

किसानों का मसला है तो फिर हाल ही में 29 जिलों की किसान महापंचायत कराने वाले किसान कांग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष तरुण पटेल से भी बात की गई। वह बोले कि हमें ऐसे किसी अभियान की जानकारी नहीं है। मुख्य कांग्रेस ने चलाया होगा। हो सकता है पश्चिम इकाई शामिल रही हो।

किसान कांग्रेस पश्चिम के अध्यक्ष डॉ.अनिल चौधरी ने एक-डेढ़ माह के अभियान में भागीदारी की बात स्वीकारी, लेकिन हस्ताक्षरों का कोई आंकड़ा उनकी जानकारी में नहीं था। आखिर में सारा डेटा कंपाइल कर रहे प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव से पूछा तो वह बोले कि अभियान के तहत कराए पचास लाख हस्ताक्षर दफ्तर में रखे थे। दीपावली से पहले राष्ट्रपति को सौंपे जाने थे, जो अब यूपी से गए हैं।


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