World Heart Day 2020: अब शुगर की दवा बचाएगी हार्टफेल्योर मरीजों की जान
World Heart Day 2020 हार्ट के बेहतर इलाज के लिए दुनियाभर में दवाओं के नए-नए ट्रायल चल रहे हैं। अगस्त में अमेरिका में शोध पर मुहर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस-यूएसए में कुल 3730 मरीजों को दवा दी गई। केजीएमयू में मरीजों की डोज शुरू।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। World Heart Day 2020: शुगर की दवा हार्ट फेल्योर में रामबाण बन रही है। यह एक खास रिसेप्टर को ब्लॉक कर देती है। ऐसे में हृदय पर जहां लोड कम हो जाता है। वहीं मरीज के हृदय की कमजोर पंपिंग भी सही हो जाती है। अगस्त में अमेरिका में शोध पर मुहर लगी। वहीं, अब केजीएमयू के डॉक्टर ने भी मरीजों को डोज देना शुरू कर दिया है।
केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी के डॉ. गौरव चौधरी के मुताबिक, हृदय की अनियमित पंपिंग, हार्ट फेल्योर की समस्या बढ़ रही है। ऐसे मरीजों को बार-बार इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ता है। कभी-कभार समय पर अस्पताल न पहुंचना उनके जानलेवा भी बन जाता है। ऐसे में हार्ट के बेहतर इलाज के लिए दुनियाभर में दवाओं के नए-नए ट्रायल चल रहे हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस-यूएसए में डायबिटीज की दवा का हार्ट फेल्योर मरीजों पर ट्रायल किया गया। कुल 3,730 मरीजों को दवा दी गई। इन मरीजों के हार्ट की पंपिंग कमजोर थी। हार्ट फेल्योर होने पर अस्पताल में कई बार भर्ती हो चुके थे। वहीं, किडनी की समस्या भी थी। ऐसे में डायबिटीज की 'एम्पाग्लीफ्लोजिन' दवा के बेहतर परिणाम पाए गए। अगस्त में स्टडी पूरी हुई। इसमें पाया गया कि डायबिटीज की दवा से हार्ट फेल्योर मरीजों की सडेन डेथ, पंपिंग फेलियर से होने वाली 25 फीसद मौतों में कमी पाई गई। साथ ही इन मरीजों को बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की समस्या में भी 25 फीसद गिरावट पाई गई।
दवा रिसेप्टर को कर देती है ब्लॉक
डॉ. गौरव के मुताबिक एम्पाग्लीफ्लोजिन दवा की स्टडी को 31 अगस्त 2020 को यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसमें देश-विदेश के कई कार्डियोलॉजिस्ट ऑनलाइन शामिल हुए। इसमें बताया गया कि एम्पाग्लीफ्लोजिन दवा शरीर में मौजूद एसजीएलटी-2 रिसेप्टर को ब्लॉक कर देती है। इससे शरीर में अधिक शुगर , पानी एब्जॉर्व हो जाता है। हृदय पर लोड कम हो जाता है। मरीज में हार्ट फेल्योर का खतरा टल जाता है। वहीं, किडनी की समस्या में भी राहत मिलती है। ऐसे में दवा के फायदे देख केजीएमयू में भी सितंबर से मरीजों को दवा की डोज दी जाने लगी है। वहीं, देश के कई अस्पतालों के डॉक्टर डायबिटीज की इस दवा का प्रयोग हार्ट फेल्योर के मरीज पर करना शुरू कर दिया है।