हाउस टैक्स बकाया होने पर नगर निगम सीज कर सकता है बैंक एकाउंट : हाईकोर्ट
सरदार पटेल शिक्षण समिति का आइसीआइसी बैंक का एकाउंट सीज करने के खिलाफ दायर याचिका कोर्ट ने किया खारिज। समिति पर हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख का हर्जाना।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यह कहते हुए कि बैंक एकाउंट चल सम्पत्ति की श्रेणी में आता है और यदि बकाये की वसूली के लिए नगर निगम बैंक एकाउंट को सीज कराता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है सरदार पटेल शिक्षण समिति की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही केार्ट ने 2006 से बार-बार एक ही बात दोहराने पर कि नगर निगम याची के खिलाफ टैक्स नहीं लगा सकता पर तल्खी दिखाते हुए उस पर एक लाख रुपये का हर्जाना ठोंक दिया जो कि सीएम डिस्टे्रस रिलीफ फंड, कोविड केयर फंड यूपी में जमा किया जाएगा।
दरअसल, याची शिक्षण समिति द्वारा लखनऊ म्युनिसिपल एरिया में सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंस और ओपी चैधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर नाम से दो संस्थान चलाए जाते हैं। यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेष कुमार सिंह की पीठ ने समिति व अन्य की ओर से दाखिल याचिका केा खारिज करते हुए पारित किया।
याचिका में नगर आयुक्त लखनऊ के 13 मार्च 2020 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके द्वारा आयुक्त ने याची के तेलीबाग स्थित आइसीआइसीआइ बैंक खाते को सीज कर दिया है। आयुक्त ने उक्त आदेश 4 करोड़ 39 लाख 31 हजार 776 रुप्ये का म्युन्सिपल टैक्स बकाया होने के चलते जारी किया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया था कि नगर निगम केा बैंक खाते को सीज करने का अधिकार नहीं है क्येां कि बैंक खाता चल सम्पत्ति की श्रेणी में नहीं आता है। कोर्ट ने याची की ओर से पेष तर्केा को नकारते हुए तमाम विधि व्यवस्थाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बैंक एकांउट चल सम्पत्ति की श्रेणी में आता है अतः नगर निगम के आदेष पूरी तरह विधि सम्मत है।
समिति की ओर से पूर्व में भी उक्त टैक्स को लेकर याचिका दाखिल की गई थी, जिसे न्यायालय पहले भी खारिज कर चुकी थी। पुनः उन्हीं आधारों पर याचिका दाखिल करने पर न्यायालय ने समिति व अन्य याचियों पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।